बिहार चुनाव: बदले माहौल में बीजेपी की वर्चुअल रणनीति, डिजिटल माध्यम से जनता तक पहुंचाएगी अपनी बात
देश के गृहमंत्री और बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह ने 7 जून को बिहार चुनाव का शंखनाद करते हुए बिहार के नेताओ से वर्चुअल संवाद किया था.
नई दिल्ली: कोरोनकाल में जब सब कुछ नया देखने को मिल रहा है, तब चुनावी लड़ाई की रणनीति भी बदल गई है. जमीन पर व्यापक रैलियों से चुनावी माहौल बनाने वाले राजनैतिक दल इन दिनों वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जनता से सीधे संवाद में जुटे हुए हैं. ऐसे में बीजेपी की तैयारी सबसे आगे मानी जा रही है. जब सारे राजनैतिक दल कोरोना के हालात पर एक दूसरे को कोसने में जुटे थे. तब बीजेपी ने इसी साल 7 जून को ही चुनावी शंखनाद कर दिया था. भारतीय राजनैतिक इतिहास में पहली बार बीजेपी ने वर्चुअल संवाद कार्यक्रम शुरू किया.
देश के गृहमंत्री और बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह ने 7 जून को बिहार चुनाव का शंखनाद करते हुए बिहार के नेताओ से वर्चुअल संवाद किया था. यहीं नहीं बीजेपी का दावा है कि बिहार के करीब 1 लाख से ज्यादा कार्यकर्ता वर्चुअल माध्यम से अमित शाह के साथ जुड़े हुए थे.
जैसे-जैसे बिहार का चुनाव नजदीक आता जा रहा है. बीजेपी की रणनीति भी बदलती जा रही है. सूत्रों की मानें तो उत्तर प्रदेश चुनाव की तर्ज पर बीजेपी बिहार में भी एक बूथ 10 यूथ कार्यक्रम को अंजाम देने में जुटी हुई है. यही नहीं प्रत्येक बूथ पर एक सोशल मीडिया वॉलिंटियर भी तैनात किया जा रहा है. जो अपने नीचे भी कई लोगों जोड़ेगा. इन वॉलिंटियर के जरिये फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम आदि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिये पार्टी की रणनीति को घर-घर तक पहुंचाने की योजना है.
वर्चुअल संवाद के लिए ठोस तैयारी बीजेपी अपनी बात जनता तक पहुंचाने और अपने कार्यकर्ताओं से सीधे संवाद के लिए पिछले तीन महीने से इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने में जुटी हुई है. इसके लिए बीजेपी के केंद्रीय कार्यालय के मल्टीपर्पज हॉल को वर्चुअल संवाद केंद्र के रूप में तैयार किया गया है. जिसमें एक बड़ा मंच बनाया गया है. मंच के सामने चार बड़ी स्क्रीन लगाई गई है. जबकि स्क्रीन के ठीक नीचे चार कैमरे भी लगाए गए हैं. जिसके जरिये केंद्रीय नेता बिहार के लोगों से संवाद कर सकेंगे. यही नहीं ऐसा ही सेटअप बिहार बीजेपी के पटना कार्यालय में भी लगाया गया है. बीजेपी ऐसी ही तैयारी बिहार के सभी जिलों के कार्यालयों में भी कर रही है. ताकि प्रत्येक जिला कार्यालय के जरिये कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद किया जा सके.
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