Gupteshwar Pandey on Kar Sevak Firing: अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले रामलला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर राजनीति जोरों शोरों से चल रही है. इस बीच बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने समाजवादी पार्टी (सपा) नेता शिवपाल यादव के बयान पर पलटवार किया. उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता कि उस समय की क्या स्थिति थी और किस परिस्थिति में वहां गोली चली, लेकिन किसी भी परिस्थिति में गोली चलना और आदमी के जीवन का नुकसान होना दुर्भाग्यपूर्ण है."
उन्होंने कहा, "साल 1990 की बात को कोई आज दोहरा रहा है और कह रहा है कि गोली चली वो अच्छी बात थी, इसका मतलब ये बात पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है. देश पहले से घायल है और ऐसी स्थिति में इस तरह की बयानबाजी करना दुर्भाग्यपूर्ण है."
भागवान राम के कितने रूप?
इस दौरान उन्होंने कहा, "भगवान राम के तीन रूप हैं. एक तो निर्गुण निराकार रूप में राम श्रष्टि के कण-कम में व्याप्त हैं, जिन्हें ब्रह्म कहते हैं. वे सच्चिदानंद हैं, लेकिन हमारे बहुत काम के नहीं हैं. वे ज्ञानियों के लिए हैं. राम का दूसरा स्वरूप परमात्मा का है, वे चतुर्भुज रूप से वैकुंठ में विराजमान हैं. इस रूप का नाम है धाम, लेकिन कोई लीला नहीं है."
उन्होंने कहा, "राम का तीसरा रूप जब अवध में कौशल्या के कोख से अवतरित होते हैं उस राम को हम भगवान के रूप में जानते हैं. उनका नाम है, रूप है, गुण है, धाम है, उनकी लीला है, जिसे गाकर भक्त पार पाते हैं."
शिवपाल यादव ने दिया था विवादित बयान
इससे पहले सपा नेता शिवपाल यादव ने बयान दिया था कि संविधान की रक्षा करने के लिए उस समय कारसेवकों पर गोली चलवाई गई थी. उन्होंने कहा, उस समय कोर्ट ने जस की तस स्थिति बनाने की बात कही थी, इस वजह से गोली चलवाई गई. इससे पहले सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी कारसेवकों पर हुई फायरिंग को सही ठहराया था.
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