पटना: पटना जिला पुलिस ने रविवार को आयोजित हुई नीट परीक्षा 2017 सहित अन्य प्रतियोगिता परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा करने की तैयारी में लगे लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने दो मेडिकल छात्र और लॉ के एक छात्र सहित राज्य में सक्रीय एक गिरोह के पांच सदस्यों धर दबोचा.
पुलिस को मिली थी फर्जीवाड़ा होने की गुप्त सूचना
पटना के एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि गुप्त सूचना मिली थी पटना में इन दिनों प्रतियोगिता परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा करने वाला एक गिरोह फिर से सक्रिय है. उन्होंने बताया कि इस सूचना के आधार पर नीट परीक्षा 2017 में फर्जीवाडा करने की तैयारी में लगे दो मेडिकल छात्र और एक लॉ छात्र, एक प्राइवेट स्कूल के कर्मचारी और एक वाहन चालक सहित एक अंतर्राज्यीय गिरोह के पांच सदस्यों को रविवार को गिरफ्तार किया गया.
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गिरफ्तार आरोपियों के पास से मोबाइल फोन और पिकअप गाड़ी बरामद
मनु महाराज ने बताया कि पटना जिला के पत्रकारनगर थाना क्षेत्र से गिरफ्तार आरोपी में गिरोह का सरगना और पटना मेडिकल कॉलेज का छात्र शिव कुमार, नालंदा मेडिकल कॉलेज के छात्र शिवम मंडल, लॉ फैकेल्टी संकाय का छात्र अविनाश रौशन, एक प्राइवेट स्कूल के संयोजक अविनाश चंद्र दूबे और एक पिकअप वाहन चालक संजय यादव शामिल हैं. उन्होंने बताया कि इन अभियुक्तों के पास से मोबाइल फोन, पिकअप वाहन और कई दूसरे उपकरण बरामद हुए हैं.
प्रश्न-पत्र का फोटो खींच कैंडिडेट्स में बांटने का था प्लान
मनु महाराज ने कहा कि इन आरोपियों ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि एक परीक्षा केंद्र के अधीक्षक के जरिए जिस वाहन से प्रश्न-पत्र ले जाया जाना था. उसे रास्ते में रोककर प्रश्न पत्र की फोटो खींचकर कैंडिडेट्स के बीच बांटने की योजना थी. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों ने कहा कि पेपर लीक करने के एवज में उन्होंने बिहार के पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल और झारखंड के कैंडिडेट्स से मोटी रकम का सौदा किया है. गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों से पूछताछ जारी है और इनके सहयोगियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.
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गौरतलब है कि हाल में ही पटना पुलिस ने बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएसएसी) के तहत कलर्क की परीक्षा के पेपर लीक मामले में आयोग के अध्यक्ष और आईएसएस अधिकारी सुधीर कुमार, आयोग के सचिव परमेश्वर राम सहित कई लोगों को हाल ही में गिरफ्तार किया था.
इसी साल पांच फरवरी को बीएसएसएसी परीक्षा प्रश्न पत्र लीक होने पर 6 फरवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह और पुलिस महानिदेशक पी के ठाकुर को मामले की गहराई से जांच करने का निर्देश दिया था. जिसके बाद पुलिस महानिदेशक की जांच रिपोर्ट और मुख्य सचिव की अनुशंसा पर गत आठ फरवरी को मुख्यमंत्री ने इस परीक्षा के रद्द किए जाने की घोषणा कर दी थी.
वहीं इससे पहले इससे बिहार विद्यालय समिति की बारहवीं की परीक्षा में टापर्स घोटाले के कई लोगों की गिफ्तारी हुई थी. परीक्षा में धांधली मामले में समिति के अध्यक्ष लालकेश्वर सिंह, उनकी पत्नी और पूर्व जेडीयू विधायक उषा सिन्हा और वैशाली जिला के एक कॉलेज के प्राचार्य बच्चा राय सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था.