पटनाः कोरोना के क़हर में राजनीति का कोई खास असर न देख तेजस्वी यादव ने गोपालगंज में हुए गैंगवार को मुद्दा बनाकर राजनीति शुरू कर दी है. शुक्रवार को राजधानी पटना में राबड़ी देवी के आवास के सामने हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ. घंटों तक चले उठापटक में अधिकारियों ने तेजस्वी के सामने लॉकडाउन का नियम न तोड़ने के लिए हाथ जोड़े खड़े रहे. लेकिन तेजस्वी अपनी अकड़ में दिखाई दिए. तेजस्वी बिना इजाजत विधानसभा जाने की कोशिश कर रहे थे. वहीं लॉकडाउन के नियमों का हवाला देकर उन्हें रोकने की कोशिश की गई. इसके बाद तेजस्वी ने ताबड़तोड़ ट्वीट कर सरकार को घेरते हुए नीतीश कुमार को तानाशाह तक कह दिया.
तेजस्वी यादव ने अपने ट्वीट में जिस वीडियो को पोस्ट किया है, उसे देखें तो अधिकारी बड़े ही विनम्रता से हाथ जोड़कर नेता प्रतिपक्ष से लौट जाने का निवेदन कर रहे हैं. वीडियो में तेजस्वी से लॉकडाउन पालन करने का अनुरोध कर रहे हैं. तेजस्वी की हर बात में हां में हां भी मिलाते हैं लेकिन नियमों का हवाला भी देते हैं. तेजस्वी कहते हैं, 'मैं पॉलिसी मेकर हूं, मुझे भी रोका जाएगा, गुंडों को परमिशन दिया.''
फिलहाल सवाल ये है कि अगर तेजस्वी नियम बनाने वालों के विधायिका का हिस्सा हैं, तो क्यों वह नियम तोड़ने की जिद पर अड़े थे? अधिकारियों से बातचीत के दौरान उन्होंने ये तक कहा कि अगर आप मुझे जाने नहीं देंगे तो मैं अपने प्रिविलेज का इस्तेमाल करूंगा. इसके साथ ही सवाल ये भी है कि 'क्या लोगों के लिए कानून बनाने वाला जनप्रतिनिधि कानून तोड़ने के लिए अपने अधिकारों का इस्तेमाल करेगा?'
तेजस्वी ने अधिकारियों को ये भी कहा कि आप पर सरकार का दबाव है, हालांकि इस पर भी बड़ी ही नम्रता से अधिकारियों ने उन्हें समझाया कि कार्रवाई विधि सम्मत है, लेकिन तेजस्वी अधिकारियों की किसी भी बात से संतुष्ट नहीं हुए. वह अपने समर्थकों के साथ अपनी जिद पर अड़े रहे.
तेजस्वी को पूरी बातचीत के दौरान अधिकारी सर-सर कहते रहे और तेजस्वी अपने संवैधानिक पद पर होने का हवाला देते रहे. तेजस्वी का कहना था, ''हमने दो महीने तक तो लॉकडाउन का पालन किया लेकिन क्या हम अपने कर्तव्यों का पालन भी नहीं कर सकते हैं.''
बिहार सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार ने नेता प्रतिपक्ष द्वारा कल दलबल सहित लॉकडाउन उल्लंघन के प्रयासों पर कड़ा एतराज जताते हुए कहा, ''आखिर कब तक आप कानून को ताक पर अपनी अकड़ दिखाएंगे. अधिकारीगण हाथ जोड़कर आपसे आपदाकाल के नियमों के अनुपालन की विनती करते रहे पर आप अपनी हनक दिखाने से बाज नहीं आ रहे. इनकी अकड़ तो देखिए कहते हैं प्रिविलेज का इस्तेमाल करेंगे, विधायिका के सदस्य को प्राप्त विशेषाधिकार का इस्तेमाल ये कानून तोडऩे के लिए करना चाहते हैं.''
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