पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने गुरुवार को दावा किया कि महागठबंधन में समन्वय समिति की मांग पर राहुल गांधी से उन्हें आश्वासन मिला है. माझी ने कहा कि यही कारण है कि आरजेडी द्वारा उनकी मांग अस्वीकार किए जाने के बावजूद वह कोई कदम नहीं उठा रहे हैं.


पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मांझी ने कहा, "मैं जानता हूं कि बहुत से लोग सोच रहे होंगे कि जीतन राम मांझी किस तरह का आदमी है, वह समन्वय समिति गठित करने के लिए समय सीमा तय करता रहता है, लेकिन अपने अल्टीमेटम पर ध्यान नहीं दिए जाने के बावजूद वह महागठबंधन में बने रहने की अपनी तारीख आगे बढ़ाए जा रहा है.''


हमारा प्रयास है कि महागठबंधन ना टूटे- मांझी


मांझी ने कहा, "मैं दृढ़ता से मानता हूं कि अगर हम बिहार में एनडीए के खिलाफ एक मजबूत लड़ाई लड़ना और व्यवस्था परिवर्तन करना चाहते हैं तो यह (महागठबंधन में समन्वय समिति का गठन) राज्य के हित में होगा. हमारा प्रयास है कि महागठबंधन ना टूटे इसलिए हम इस अपमान को सहने को तैयार हैं बशर्ते, अगर दिन का भूला शाम को घर लौट आए.''


बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ''मेरी अब आरजेडी से कोई बात नहीं हो रही है. मैं कांग्रेस से बात कर रहा हूं. मैंने राहुल गांधी से बात की है और उन्होंने मुझसे कुछ समय मांगा कहा है. मैं समझता हूं कि आरजेडी को सदबुद्धि आ जाए तो यह राज्य के हित में होगा." मांझी ने यह भी कहा कि अगर बिहार में विधानसभा का चुनाव हुआ तो उसमें उनकी पार्टी भी शामिल होगी. हमारे मन में सीटों की हिस्सेदारी को लेकर कोई बात नहीं कि हमें 50 या 5 सीट चाहिए लेकिन हम यही चाहते हैं कि जो भी सीटें महागठबंधन में रहते हुए मिले वह सभी घटक दलों की राय से हो.