पटना: बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव के पेट्रोल पंप का लाइसेंस भारत पेट्रोलियम निगम लिमिटेड (बीपीसीएल) ने शनिवार को रद्द कर दिया था. जिसके बाद पटना की एक स्थानिय कोर्ट ने इसपर अंतरिम रोक लगा दी है. बीपीसीएल ने यह कार्रवाई पेट्रोल पंप के लिए अवैध तरीके से जमीन लेने के आरोपों के तहत की थी.


आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद के बड़े बेटे और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव को बीपीसीएल ने हाल ही में नोटिस जारी कर पूछा था कि उन्हें किस आधार पर लाइसेंस मिला था. कंपनी ने गत 29 मई को उन्हें 15 दिनों के भीतर जवाब देने को कहा था.


तेज प्रताप के जवाब से असंतुष्ट बीपीसीएल के टेरिटेरी प्रबंधक, पटना मनीष तिवारी ने उन्हें आवंटित लाईसेंस को रदद करते हुए उन्हें आगामी 19 जून तक पेट्रोल पंप के टैंक सहित सहित दुसरी चीजे कंपनी को सौंपने का आदेश दिया था.


2011 में पटना में बेउर जेल के पास एक पेट्रोल पंप के आवंदन के लिए तेजप्रताप ने आवेदन दिया था. उन्हें आवंटित उक्त पेट्रोल पंप के खिलाफ बीपीसीएल ने यह कार्रवाई चंद्रशेखर नाम के शख्स की शिकायत पर की थी जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि जिस जमीन के आधार पर इस पेट्रोल पंप का आवंटन तेजप्रताप को किया गया था, वह उनके नाम से नहीं है .


बीजेपी नेता सुशील मोदी इन दिनों लालू प्रसाद और उनके परिवार पर लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं. पेट्रोल पंप के आवंदन में अनियमितता के इस मामले को इसी की एक कड़ी के तौर पर देखा जा रहा है.