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बिहार: फिर बढ़ीं लालू परिवार की मुसीबतें, पटना में आयकर विभाग ने जब्त किया 3.67 करोड़ का बंगला
कुल ज़मीन सात हजार वर्ग फीट है और उसपर ये पुराना बंगला है. पहले इस बंगला को फेयर ग्रो होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड के नाम से लिया गया था.
पटना: बिहार की राजधानी पटना में आयकर विभाग ने पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के परिवार का 3 करोड़ 67 लाख रुपए का बंगला जब्त कर लिया है. लालू यादव पर फ़र्ज़ी कंपनी बनाकर अपने बेटे-बेटियों के नाम पर बंगला लेने का आरोप लगा है. बता दें कि लालू यादव फिलहाल चारा घोटाला केस में सजा काट रहे हैं और फिलहाल अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है.
बंगले की खरीद-बिक्री पर लगी रोक
पटना के रिहायशी इलाके में एक फ़र्ज़ी कंपनी बनाकर लालू ने अपने बेटे बेटियों के नाम से एक बंगला लिया था, जिसकी खरीद बिक्री पर अब रोक लग गई है. ये बंगला साल 1988-89 में टाटा आयरन एन्ड स्टील कंपनी के नाम से था. अब इस बंगले पर आयकर विभाग ने बेनामी संपत्ति का इश्तेहार लगा दिया है. इस इश्तेहार में इस जमीन और बंगले को जब्त लिखा गया है. बेली रोड से एयर पोर्ट सड़क पर स्थित बेशकीमती बेनामी संपत्ति के वारिस लालू के बेटे बेटियां हैं.
एक प्राइवेट कंपनी के नाम पर ली गई थी जमीन
एबीपी न्यूज़ के पास जो दस्तावेज़ है उनके मुताबिक, कुल ज़मीन सात हजार वर्ग फीट है और उसपर ये पुराना बंगला है. पहले इस बंगले को फेयर ग्रो होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड के नाम से लिया गया था. फेयर ग्रो कंपनी साल 1991 में कोलकाता में रजिस्टर्ड हुई थी. साल 2012 तक इस कंपनी ने आयकर रिटर्न फाइल किया, जिसका पैन नंबर AAACF6838N है.
इस कंपनी ने साढ़े तीन लाख का शेयर निकाला, जो कुल 35 लाख का हुआ. इस कंपनी में 18 शेयर होल्डर बने, जिसमे पांच कंपनी और 13 निजी लोग शामिल थे. कंपनी ने 80 लाख रुपये शेयर से जमा किए और ज़मीन और बंगला खरीद लिया, बाकी कोई बिजनेस नहीं किया.
रजिस्टर्ड पते पर नहीं मिली जमीन
जांच में पता चला कि कंपनी को जिस पते पर रजिस्टर्ड कराया गया था, वहां ऐसी कोई कंपनी थी ही नहीं. यानी सर्फ कागज़ों पर ही ये कंपनी चल रही थी. जांच दल ने इस कंपनी से जुड़े लोगों से पूछताछ की तो सभी ने इससे किसी तरह का संबन्ध होने से इनकार कर दिया.
फेयर ग्रो ने दो कंपनियों के नाम पर शेयर ट्रांसफर किया था. एक सहारा मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड और दूसरी आध्याय एकिवप्रिफ प्राइवेट लिमिटेड. बाद में पता चला कि ये कंपनी भी कागज़ पर ही हैं. इस कंपनी में बहुत सारे लोग समय समय पर डायरेक्टर बनते रहे लेकिन साल 2006 में विजय पाल त्रिपाठी डायरेक्टर बने. विजय पाल लालू के बेहद करीबी राज्य सभा सांसद प्रेम गुप्ता की कंपनी डिलाइट मार्केटिंग में भी डायरेक्टर रह चुके थे. यहीं से जांच एजेंसी को काफी जानकारी मिल गई.
कंपनी में आज भी एडिशनल डायरेक्टर बनी हुई हैं लालू की बेटियां
दस्तावेजों के मुताबिक, लालू के छोटे बेटे और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव, बेटी चंदा यादव और रागिनी सभी साल 2014 में अडिशनल डायरेक्टर बन गए. हालांकि तेजस्वी और तेजप्रताप ने नीतीश सरकार में मंत्री बनने के लिए डायरेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया. लेकिन लालू की बेटियां आज भी इस कंपनी में एडिशनल डायरेक्टर बनी हुई हैं.
सबसे चौकाने वाली बात ये है कि चंदा यादव का पता साल 2014 में भी सीएम आवास एक अणे मार्ग ही दिया हुआ है. फेयर ग्रो कंपनी ने कितना फेयर तरीका इस्तेमाल कर बेनामी संपत्ति लालू परिवार ने बनाई ये सामने आ गया है. अब इसपर जेडीयू प्रवक्ता संजय सिंह ने कार्रवाई की मांग की है.
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