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Bihar: कौन हैं नेटफ्लिक्स की वेब सीरीज 'खाकीः द बिहार चैप्टर' मामले में भ्रष्टाचार का सामना कर रहे IPS अमित लोढ़ा? 10 बड़ी बातें
FIR on Amit Lodha: अमित लोढ़ा को उनके पुलिस करियर में कई ऑपरेशनों के लिए प्रतिष्ठित राष्ट्रपति के पुलिस पदक, वीरता के लिए पुलिस पदक और आंतरिक सुरक्षा पदक से सम्मानित किया गया.
IPS Amit Lodha Controversy: नेटफ्लिक्स पर 25 नवंबर को एक 'खाकी' द बिहार चैप्टर (Khakee The Bihar Chapter Web Series) रिलीज होने के बाद से ही सीनियर आईपीएस अधिकारी अमित लोढ़ा की मुश्किलें बढ़ गई हैं. न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, अमित लोढ़ा को निलंबित कर दिया गया है. हालांकि, पुलिस मुख्यालय ने अबी निलंबन की पुष्टि नहीं की है. मित लोढ़ा पर पटना में प्राथमिकी दर्ज की गई है. बुधवार को विशेष निगरानी इकाई (SVU) ने भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के वरिष्ठ पदाधिकारी और मगध रेंज के तत्कालीन आईजी अमित लोढ़ा के खिलाफ यह केस दर्ज किया है.
सतर्कता इकाई ने कहा कि चूंकि वह अभी भी एक सेवारत आईपीएस अधिकारी हैं और एक स्थापित लेखक नहीं हैं, इसलिए वह वेब सीरीज के लिए किसी फर्म के साथ करार नहीं कर सकते. अमित लोढ़ा पर सौदे से 12,372 रुपये प्राप्त करने का आरोप लगाया गया है , जबकि 38.25 लाख रुपये उनकी पत्नी कौमीदी के खाते में जमा किए गए थे. प्राथमिकी में कहा गया है कि "अवैध रूप से अर्जित धन के लेन-देन" को सुविधाजनक बनाने के लिए फर्म और कौमिडी के बीच एक समझौता हुआ था.
अमित लोढा ने आरोपों के बाद ट्वीट किया, "कभी-कभी जीवन आपको सबसे कठिन चुनौतियों का सामना कर सकता है, खासकर जब आप सही होते हैं. इस दौरान आपके चरित्र की ताकत दिखाई देती है. विजयी होने के लिए आपकी प्रार्थना और समर्थन की आवश्यकता है."
जानिए सीनियर आईपीएस अमित लोढ़ा के बारे में 10 बड़ी बातें
- जयपुर में जन्मे अमित लोढ़ा ने IIT दिल्ली में पढ़ाई की और पहले ही प्रयास में एंट्रेंस क्रैक कर लिया. इसके बाद उन्होंने आईआईटी दिल्ली से अपनी इंजीनिरिंग की पढ़ाई शुरु की.
- हालांकि, उनका आईआईटी का अनुभव सुखद नहीं था, जैसा कि उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया. उन्होंने कहा कि वह आईआईटी में एक हीन भावना से पीड़ित होने लगे क्योंकि उन्हें इसमें फिट होना मुश्किल लगता था.
- IIT में लाइफ की बेचैनी ने उन्हें UPSC की ओर धकेला और 1988 में IPS अधिकारी बने.
- लोगों से जुड़ाव की वजह से अमित लोढ़ा जल्द ही एक नामी आईपीएस बन गए.
- बिहार में पोस्टिंग से पहले वह राजस्थान में थे. वह तुरंत लोकप्रिय हो गए क्योंकि वह लोगों को सीधे अपने लैंडलाइन नंबर पर कॉल करने के लिए कहते थे.
- 'शेखपुरा के गब्बर सिंह' के मामले ने अमित लोढ़ा को राष्ट्रीय सुर्खियों में ला दिया. अमित लोढ़ा ने खूंखार महतो गिरोह (पिंटू महतो, अशोक महतो) को ट्रैक किया, जिनके खिलाफ दो पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद जेल तोड़ना, 15 लोगों की हत्या आदि सहित कई मामले दर्ज थे.
- अमित लोढ़ा को उनके पुलिस करियर में उनके कई ऑपरेशनों के लिए प्रतिष्ठित राष्ट्रपति के पुलिस पदक, वीरता के लिए पुलिस पदक और आंतरिक सुरक्षा पदक से सम्मानित किया गया.
- वर्तमान में, 48 वर्षीय आईपीएस अधिकारी बिहार के आईजीपी (पुलिस महानिरीक्षक) हैं.
- अमित लोढ़ा की किताब बिहार डायरीज (2018) में उन्होंने गिरोह का पीछा किया, हालांकि उन्होंने अपनी किताब में महतो का नाम नहीं लिया. यह किताब नेटफ्लिक्स सीरीज़, खाकी द बिहार चैप्टर की प्रेरणा है.
- अमित लोढ़ा की दूसरी किताब 2021 में प्रकाशित लाइफ इन द यूनिफॉर्म है, जहां उन्होंने यूपीएससी की अपनी यात्रा के बारे में बताया है.
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