(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Bihar Liquor Ban: शराबियों से छीना जाएगा चुनाव लड़ने का अधिकार? शराब बंदी को लेकर बड़ा कदम उठाने की तैयारी में बिहार सरकार
Bihar Liquor Ban: बिहार सरकार के शराबबंदी कानून 2016 की धारा 65 में यह प्रावधान है की बिहार सरकार चाहे तो किसी भी धारा के तहत चार्जशीटेड या सजायाफ्ता को कई तरह की सुविधाओं से वंचित कर सकती है.
Bihar Liquor Ban: बिहार में अब शराब पीने और शराब बेचने वालों पर सरकार कड़ी कार्रवाई करने के मूड में आ चुकी है. यही वजह है कि बिहार सरकार शराब पीने वालों और उसके व्यापार में लगे हुए लोगों को सरकारी योजनाओं से प्रतिबंधित करने की तैयारी में है. ऐसे लोगों को चुनाव लड़ने से भी प्रतिबंधित करने पर विचार चल रहा है. इसको अमल में लाने के लिए मद्य निषेध विभाग (Bihr Liquor Department) ऐसे लोगों पर सख्ती करने की तैयारी में है.
पटना में मद्य निषेध विभाग ऐसे लोगों को सरकारी योजनाओं के लाभ के साथ-साथ चुनाव लड़ने से रोकने पर भी विचार कर रहा है. विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने इस संदर्भ में निर्वाचन, पंचायती राज, परिवहन, सहकारिता, शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग सहित कई विभागों के पदाधिकारियों के साथ बैठक की और इस बैठक में विभिन्न अधिकारियों की राय भी ली गई.
क्या कहता है बिहार का शराबबंदी कानून ?
बिहार सरकार के शराबबंदी कानून 2016 की धारा 65 में यह प्रावधान है की बिहार सरकार चाहे तो किसी भी धारा के तहत चार्जशीटेड या सजायाफ्ता को कई तरह की सुविधाओं से वंचित कर सकती है. अब इस दिशा में ठोस नियम बनाने पर कार्य चल रहा है और उसी को देखते हुए मद्य निषेध, उत्पाद और निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस पर मंथन किया गया.
पंचायती राज, परिवहन, सहकारिता, शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग, परिवहन सहित कई विभागों के अधिकारियों से बैठक में ऐसी सरकारी योजनाओं की जानकारी ली गई है जिन का लाभ लोगों को दिया जाता है. सूत्रों के अनुसार विभिन्न मंत्रालयों के आला अधिकारियों से जानकारी मांगी गयी है की विभागीय नियमावली में किसी व्यक्ति के चार्जशीटेड या सजायाफ्ता हो जाने पर उसको किन-किन सुविधाओं से वंचित किया जा सकता है?
क्या चुनाव लड़ने से भी प्रतिबंधित किए जाएंगे शराबी?
निर्वाचन विभाग से पूछा गया कि क्या ऐसे लोगों को चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है? विभिन्न मंत्रालयों से मिलने वाली जानकारी के बाद फाइनल ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा. उसके बाद प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा.
शराब बंदी कानून में संशोधन के बाद भले ही पहली बार शराब पीते हुए पकड़े जाने पर जुर्माना देकर छोड़ जाने का प्रावधान किया गया है मगर जुर्माना देकर छूटने वाले शराबी भी कानून के तहत दोषी माने जाएंगे. उन्हें भी सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा. शराबबंदी कानून के तहत जो लोग पहले भी पकड़े गये हैं और उनको भी सरकारी योजनाओं से वंचित रखे जाने की तैयारी है.