पटना: बिहार में महागठबंधन के सीएम उम्मीदवार कौन होंगे इसपर तलवारें खिंच गई हैं. आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने महागठबंधन के दलों को दो टूक कहा कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बिहार में सरकार बनेगी जिसे मानना है माने हम किसी का इंतज़ार नहीं करने वाले. वहीं, हम पार्टी प्रमुख जीतन राम मांझी ने कहा कि पहले सभी दलों को बैठक हो तब ये फैसला हो कि सीएम पद के उम्मीदवार कौन होंगे. बिहार में महागठबंधन में शामिल कांग्रेस ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस ने कहा है कि अभी तय नहीं हुआ है कि महागठबंधन के नेता कौन होंगे. इसके अलावा आरएलएसपी और वीआईपी पार्टियों ने भी आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष के बयान से नाराजगी जाहिर की है.


आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानन्द ने कहा, ''जो कह रहे हैं, हम उनका इंतजार तो कर नहीं रहे हैं. वो क्या कह रहे हैं? हम जो कर रहे हैं, वो सब देख रहे हैं और जो मैं कह रहा हूं वो भी आप लोगों को सुनाएंगे. तेजस्वी ही हमारे भविष्य की लड़ाई के नेतृत्वकर्ता हैं. उन्हीं के नेतृत्व में बिहार की सरकार का गठन होगा. बिहार में सदन के वही नेता बनेंगे, अब इसको जो नामंजूर करता है, हम उसका इंतजार नहीं कर सकते.''


उन्होंने कहा कि बिहार आरजेडी की तरफ देख रहा है और बिहार की तरफ पूरा भारत देख रहा है. अब हमलोगों की भूमिका तय हो गयी है, 16 से किशनगंज 17 से अररिया और 18 को कटिहार, इस यात्रा शुरुआत होने जा रही है. तेजस्वी निकल पड़ेंगे और चुनाव तक हमार अभियान चलेगा. उन्होंने कहा कि आरजेडी राज्य में मुख्य विपक्षी पार्टी है और सदन में मुख्य विपक्षी पार्टी के विपक्ष के नेता के रूप में तेजस्वी यादव है और विपक्ष के नेता ही आगे सरकार के नेता बनते हैं. इसमें नेतृत्व का कोई प्रश्न कहां से खड़ा हो रहा है. ये बीजेपी वाले लोगों को उलझा रहे हैं और उलझने का कोई मामला नहीं है.


जगदानंद सिंह का कांग्रेस पर तंज


जगदानंद सिंह ने कांग्रेस पर भी तंज कसते हुए कहा कि वो नेशनल पार्टी होगी, इंटरनेशनल पार्टी होगी. नेशनल पार्टी होगी तो दिल्ली में राहुल गांधी को मान लेते है. कहां प्रश्न है लेकिन क्या नेशनल पार्टी के हैसियत से, बोलना नहीं चाहिए? ओडिसा में वो क्या है? पश्चिम बंगाल में वो क्या हैं? भूलना नहीं चाहिए कि आज वह केरल में कहां खड़े हैं, तेलंगाना में कहां हैं, भूलना नहीं चाहिए कि आंध्र प्रदेश में कांग्रेस पार्टी कहां है? उसी तरह भूलना भी नही चाहिए कि बिहार में आप कहीं नहीं है?


बिहार में राष्ट्रीय जनता दल है. झारखंड में जेएमएम के हेमंत सोरेन सीएम बने हैं और बिहार में तेजस्वी यादव ही बनेंगे. इसमें कहां कोई ऐतराज है, अगर हमारे नेतृत्व में सभी लोग एकजुट हो जाएं तो हम लोग किसी को हटाएंगे क्या? नहीं हम इतने अनुदार नहीं हैं और न ही हम इतना घमंड करते हैं कि हम हैं तो हैं. सब के साथ लेकर चलने की गुंजाइश हमेशा समाजवादियों की रही है. समाजवादियों ने खास कर बिहार में अपने बूते भारत के सरकार को भी बदला है. बीपी सिंह को भी कुर्सी पर बैठाया है, इंद्र कुमार गुजराल को भी बैठाया गया था, एचडी देवगौड़ा को भी बैठाया गया था, कभी चौधरी चरण सिंह के साथ भी हम थे. हम अलग से कभी घमंड नही करते कि हम ही केवल हैं देश को चलाने के लिए दूसरे दलों का हम सहयोग करते हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश चलाने की ताकत कर्पूरी ठाकुर की धारा और समाजवादियों की धारा के नेतृत्वकर्ता के ही पास है.


जब गठबंधन है तो सबके सामने फ़ैसला हो- मांझी


पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा, ''स्वीकार करने की बात नहीं है. कोई अस्वीकार नहीं कर रहा है. उन्होंने कहा कि जब महागठबंधन है तो उसकी बैठक होगी, बैठक के बाद निर्णय किया जाएगा इसलिए दरार पैदा हुआ है ये भी हम नहीं कह सकते और जो बातें सामने आ रही उसे भी हम नहीं नकार सकते. सिर्फ और सिर्फ बात यह है कि ये सभी दलों की सहमति से बात हो. उन्होंने आगे कहा कि जगदानंद सिंह प्रदेश अध्यक्ष हैं लेकिन वे ऑथरिटी नहीं हैं? ऑथरिटी वहां पर तेजस्वी यादव हैं और लालू प्रसाद हैं. वो सब बोलेंगे तो बात किया जा सकता है. ऐसे कोई बोलेगा तो मैं नहीं मान सकता.''


नेतृत्व को लेकर समय पर होगी बात- प्रेमचंद मिश्रा, कांग्रेस


प्रेमचंद्र मिश्रा ने दरार की बात को नकारते हुए कहा, ''कोई रार या टकरार की स्थिति नहीं है. अभी गठबंधन के स्वरूप, आकार, नेतृत्व इन सभी नीतिगत मामलों में फैसला होना बाकी है. आरजेडी ने अपना फैसला लिया है. उनके नेता तेजस्वी यादव होंगे. बिहार में भी हमारे जो महागठबंधन में पार्टियां हैं, उसके सब नेता एक जगह बैठेंगे और उसमें हम तय कर लेंगे कि हमारा विधानसभा चुनाव में कौन नेतृत्व करेगा, कौन हमारा मुख्यमंत्री का चेहरा होगा, यह सारी बातें समय पर कर ली जाएंगी. इसे लेकर कोई विवाद नहीं है.''


प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि किसी भी गठबंधन में कोआर्डिनेशन कमेटी का होना आवश्यक है. जगदानंद सिंह एक अनुभवी पॉलीटिशियन हैं. उनके कुछ ऐसे बयान आते हैं कि हमें समझ में नहीं आता. आखिर वह ऐसा बयान क्यों देते हैं. बंद वाले दिन भी उन्होंने कहा था की जिसको आना है आए, हम किसी को कहने नहीं जा रहे हैं जबकि हम लोगों ने बंद का समर्थन किया था, लेकिन उनका बयान नकारात्मक आया? लालू प्रसाद आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. बिहार में सबसे बड़ी पार्टी के नेता हैं.


यह सही है बिहार में सबसे बड़ी पार्टी आरजेडी है. हम लोगों से विधायकों की संख्या उनकी ज्यादा है. उनके 80 विधायक हैं. जेडीयू के 70 हैं तो स्वाभाविक है कि वह बड़ी पार्टी है. उस आधार पर आरजेडी बड़ी पार्टी है. इसमें कोई दो राय नहीं है, लेकिन कोई यह कहता है कि कांग्रेस का बिहार में कोई अस्तित्व नहीं है, यह हम कभी स्वीकार नहीं करने वाले हैं. अगर कोई सहयोगी भी इस तरह का बयान देते हैं तो ऐसे बयान देने से उन्हें परहेज करना होगा.


अपनी मर्ज़ी से बयान देने वालों की बात नहीं मानी जाएगी- मुकेश सहनी, वीआईपी


वीआईपी पार्टी के नेता मुकेश सहनी ने कहा, ''सवाल यह है कि महागठबंधन जब बना है. जब एक पार्टी से अनेक पार्टी है तो एक सिस्टम होता है तो जितने भी बाकी सहयोगी दल हैं सबका कहना है कि एक कॉर्डिनेशन कमिटी हो, जो भी निर्णय लेना है उसी फ़ोरम पर जाकर निर्णय लेना है. उन्होंने कहा कि सब पार्टी स्वतंत्र है. कोई किसी के पीछे चलने वाला नहीं है. सबका एक अपना वजूद है. ताकत है. यह कोई पार्टी ना समझे की मैं अकेला बहुत बड़ा तुर्रमखान हूं. मिलकर बिहार के गरीबों के लिए न्याय के लिए लड़ना है, तो सबको साथ आना चाहिए.''


आरएलएसपी के अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष सिंह चंद्रवंशी ने कहा कि जो कॉर्डिनेशन कमिटी का गठन हुआ है सबसे पहले उसके सभी दलों की बैठक होनी चाहिए. उस बैठक में एक निर्णय होना चाहिए कि कॉर्डिनेशन कमिटी के चेयरमैन किसे बनाया जाए. निश्चित रूप से एकतरफा फैसला लेने की जरूरत नहीं है.