पटना: दिल्ली और पंजाब के बाद बिहार में भी लाल बत्ती को हटाने की मांग होने लगी है. पंजाब से प्रेरणा लेते हुए कांग्रेस नेता और बिहार के शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने मंत्रियों के लाल बत्ती के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग की है. इस मांग के साथ ही लाल बत्ती के इस्तेमाल पर बहस शुरू हो गई है.
शुरुआत कांग्रेस के अशोक चौधरी ने की लेकिन बहस में बिहार के हर दल के नेता कूद पड़े हैं. बीजेपी नेता सुशील मोदी इस फैसले के साथ दिखे लेकिन ये भी कहा कि लाल बत्ती का इस्तेमाल तो सरकार में बैठे लोग ही करते हैं.
लाल बत्ती का इस्तेमाल नहीं करती- राबड़ी
लालू यादव की पत्नी और बिहार की सीएम रह चुकीं राबड़ी देवी तो यही सफाई देने लगीं कि वो लाल बत्ती का इस्तेमाल करतीं ही नहीं. राबड़ी ने कहा, ‘’ये सरकार की बात है. हमारी बात नहीं है. हम कभी पावर में रहे या नहीं रहे. कभी लाल बत्ती नहीं लगाई.’’
दुरूपयोग होने पर विचार किया जा सकता है- जेडीयू
हालांकि बिहार सरकार फिलहाल लाल बत्ती पर रोक लगाने के मूड में नहीं दिख रही है. जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार का कहना है, ‘’अभी तक लाल बत्ती का दुरूपयोग नहीं हुआ है. दुरूपयोग होने पर विचार किया जा सकता है.’’
पंजाब का सीएम बनते ही कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंत्रियों के लाल बत्ती के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी और अब बिहार में भी इसको लेकर चर्चा गरम है.
क्या है लाल बच्ची का कल्चर
लाल बत्ती का कल्चर अंग्रेजों के जमाने से चला आ रहा है. समय-समय पर लाल बत्ती के इस्तेमाल के नियम बदलते रहे हैं. अभी सेंट्रल मोटर व्हीकल रुल्स 1989 के कानून से लाल बत्ती का इस्तेमाल होता है.