Nawada Suicide Case: बिहार के नवादा जिले में कर्ज के चलते आत्महत्या करने वाले परिवार के मुखिया ने सुसाइड नोट लिखा है. यह सुसाइड नोट एबीपी के हाथ लगा है जिसमें परिवार के मुखिया ने अपनी परेशानी का जिक्र करते हुए महाजनों की प्रताड़ना की चर्चा की है. दो पन्नों के नोट में कर्ज देने वाले छह लोगों के नाम का जिक्र करते हुए उन्हें देश-समाज का दीमक बताया है. कहा है कि ऐसे लोग पूरे देश को दीमक की तरह चाट कर बर्बाद कर रहे हैं.


परिवार के मुखिया केदार ने 8 नवंबर को यह सुसाइड नोट लिखा है, जो घटना के एक दिन पहले की है. नोट में केदार ने लिखा है उन्होंने कुछ लोगों से कर्ज लिया था. जिसमें छह महाजन लगातार परेशान कर रहे हैं. शहर के न्यू एरिया मोहल्ले के मनीष सिंह, विकास सिंह, विजय सिंह, टुनटुन सिंह खटाल, डॉ. पंकज सिन्हा और गढ़ पर मोहल्ला के रणजीत सिंह से उन्होंने कर्ज लिया था.


कर्ज का दुगना-तिगुना ब्याज कर चुके थे जमा


केदार ने सुसाइड नोट में लिखा है कि पांच-छह साल से महाजन कर्ज के लिए परेशान कर रहे थे. कर्ज ब्याज अधिक होने के कारण मूलधन का ब्याज दुगना-तिगुना जमा कर चुके थे. फिर भी कर्ज खत्म नहीं हुआ, जिससे विवश होकर यह गलत कदम उठाना पड़ रहा है


कर्ज चुकता करने को मांग रहे थे मोहलत


सुसाइड नोट में जिक्र है कि कर्ज चुकता करने को महाजनों से मोहलत मांग रहे थे. साल-छह महीने का वक्त मांग रहे थे, लेकिन कर्ज देने वाले कुछ भी सुनने-समझने को तैयार नहीं थे. पिछले पांच-छह सालों से लगातार प्रताड़ित कर रहे थे. ब्याज नहीं देने की स्थिति में गाली गलौज करते थे. जिससे विवश होकर यह गलत कदम उठाना पड़ रहा है. उन्होंने यह भी लिखा कि कर्ज देने वाले समाज का कीड़ा है, जो समाज को बर्बाद कर रहे हैं. कर्ज देने वाले छहों लोगों ने कई लोगों को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है. ऐसे दीमकों पर अंकुश लगाने की आवश्यकता है.




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