Bihar Politics: 22 साल में 8वीं बार CM पद की शपथ लेंगे नीतीश, तेजस्वी होंगे डिप्टी सीएम, फिर चाचा-भतीजे की सरकार
Bihar Politics: सूत्रों के अनुसार नए मंत्रिमंडल में जेडीयू के अलावा आरजेडी और कांग्रेस के प्रतिनिधि होंगे. वाम दलों की नई सरकार को बाहर से समर्थन देने की संभावना है.
Bihar Politics: जेडीयू (JDU) नेता नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और आरजेडी (RJD) नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) आज मुख्यमंत्री (Chief Minister) और उपमुख्यमंत्री (Deputy Chief Minister) पद की शपथ लेंगे. राजभवन में दोपहर दो बजे शपथ ग्रहण समारोह होगा. सूत्रों का कहना है कि बाद में दो सदस्यीय मंत्रिमंडल में और मंत्रियों को शामिल किया जाएगा. बीजेपी (BJP) नीत एनडीए (NDA) को छोड़ कुमार आठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. वह सात दलों के गठबंधन का नेतृत्व करेंगे. इस गठबंधन को एक निर्दलीय का समर्थन प्राप्त है.
सूत्रों के अनुसार नए मंत्रिमंडल में जेडीयू के अलावा आरजेडी और कांग्रेस के प्रतिनिधि होंगे. वाम दलों द्वारा अपनी स्वतंत्र पहचान बनाए रखने के लिए नई सरकार को बाहर से समर्थन देने की संभावना है.
नीतीश कुमार ने राज्यपाल को सौंपा इस्तीफा
इससे पहले मंगलवार 9 अगस्त को पटना में राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदलता रहा. नीतीश कुमार (71 वर्षीय) ने दिन भर में दो बार राज्यपाल से मुलाकात की. पहली बार एनडीए गठबंधन का नेतृत्व करने वाले मुख्यमंत्री के रूप में अपना इस्तीफा सौंपा जबकि दूसरी बार तेजस्वी सहित विपक्षी महागठबंधन के अन्य सहयोगियों के साथ राजभवन जाकर राज्यपाल को 164 विधायकों के समर्थन की सूची सौंपी. बता दें बिहार विधानसभा में इस समय 242 सदस्य हैं और बहुमत हासिल करने का जादुई आंकड़ा 122 है.
गौरतलब है कि जाति जनगणना, जनसंख्या नियंत्रण और अग्निपथ योजना और नीतीश कुमार के पूर्व विश्वासपात्र आरसीपी सिंह को केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप में बनाए रखने सहित कई मुद्दों पर जेडीयू और बीजेपी के बीच हफ्तों तक तनाव रहा.
मंगलवार की सुबह इस क्षेत्रीय दल के सभी सांसदों और विधायकों ने मुख्यमंत्री आवास पर हुई बैठक में एनडीए छोड़ने और महागठबंधन के साथ हाथ मिलाने का फैसला किया. जेडीयू पांच साल पहले यानी 2017 में महागठबंधन से अलग हुआ था.
बीजेपी ने साधा नीतीश पर निशाना
बीजेपी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जनता के जनादेश का अपमान करने और विश्वासघात करने का आरोप लगाते हुए जेडीयू के एनडीए से बाहर निकलने के फैसले के लिए उनकी प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा को जिम्मेदार ठहराया.
भाजपा नेताओं ने कुमार के लिए आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव द्वारा पहली बार इस्तेमाल किए गए ‘‘पलटू राम’’ का उपयोग करते हुए उन दावों को खारिज कर दिया कि उनकी पार्टी ने जेडीयू को तोड़ने की किसी प्रकार की कोशिश की थी. बीजेपी के केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि कम सीटें होने के बावजूद हमने उन्हें (कुमार) मुख्यमंत्री बनाया. उन्होंने दो बार धोखा दिया है. वह अहंकार से ग्रसित हैं.
नीतीश ने दो बार छोड़ा एनडीए
नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के गठबंधन के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बनने के बाद नीतीश कुमार ने 2013 में पहली बार एनडीए छोड़ा था और 2017 में आरजेडी-कांग्रेस के महागठबंधन (Mahagathbandhan) से एनडीए के खेमे में वापस आए थे.
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