Bihar News In Hindi: बिहार के मुज़फ्फरपुर में मोतियाबिंद के आपरेशन के बाद कई लोगों की आंखों में गंभीर संक्रमण हो गया, जिसके चलते अब तक 15 लोगों की आंखें निकलनी पड़ी हैं. पिछले महीने 22 नवंबर को अस्पताल में 65 मरीजों के मोतियाबिंद का ऑपरेशन हुआ था, जिसमें से 27 लोगों की आंखों में गंभीर संक्रमण हुआ है. सिविल सर्जन विनय शर्मा ने ऑपरेशन थिएटर को सील करके पूरे अस्पताल को बंद करने का निर्देश दिया है. सिविल सर्जन का अनुमान है कि इस मामले की जांच के बाद मरीज़ों के आंकड़े में और इज़ाफा हो सकता है. उन्होंने ऑपरेशन के दौरान लापरवाही के संकेत दिए हैं.


जिन लोगों के आंखें खराब हुई हैं उन्होंने एक संस्था के ज़रिए संचालित मुज़फ्फरपुर आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद का ऑपरेशन करवाया था.. अब तक 15 मरीजों की आंखें संक्रमण के चलते निकाली गईं हैं. तीन और मरीजों को भी भर्ती किया गया है, जिनकी आंखों निकाली जाएंगी. इसके अलावा कई मरीज आसपास के निजी अस्पतालों में भी अपना इलाज करवा रहे हैं.


ज़िला विभाग ने आई अस्पताल में ऑपरेशन कराने वाले सभी मरीज़ों की लिस्ट मांगी है. ताकि अन्य मरीज़ों के आंखों की भी जांच की जा सके. पूरे मामले के संबंध में सिविल सर्जन ने बताया कि ऑपरेशन में लापरवाही की संभावना जांच में नज़र आई है. अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर से स्वेब के सैंपल लिए गए हैं. जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने बताया कि मामले की जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी. सिविल सर्जन के नेतृत्व में एक जांच टीम का गठन किया गया है.


इससे पहले ये मामला सामने आने के बाद सिविल सर्जन विनय कुमार शर्मा ने कहा था, "हमें पता चला कि मोतियाबिंद के ऑपरेशन कराने वाले लोग एक आंख में गंभीर संक्रमण से पीड़ित हैं. डॉक्टरों ने अब संक्रमित आंख को हटाने का सुझाव दिया है. हमने दृष्टिहीन नियंत्रण प्रभारी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है. प्रथम दृष्टया, ऐसा प्रतीत होता है कि अस्पताल के डॉक्टरों ने ऑपरेशन प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया।" उन्होंने कहा कि इस तरह की गंभीर लापरवाही के लिए हम अस्पताल और डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे.


मानवाधिकार आयोग ने भेजा नोटिस


राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने इस मामले में बुधवार को बिहार सरकार को नोटिस भेजा. एनएचआरसी ने एक बयान में कहा कि उसने मीडिया में आई एक खबर पर स्वत: संज्ञान लिया है कि 22 नवंबर को मुजफ्फरपुर नेत्र अस्पताल में हुई मोतियाबिंद सर्जरी के बाद 'श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) में छह रोगियों की आंखें निकालनी पड़ीं.' बयान में कहा गया है यदि मीडिया में आईं खबरें सही हैं तो यह मानवाधिकारों के उल्लंघन का एक गंभीर मुद्दा है.


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