पटना: देश की राजधानी दिल्ली में कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 70 दिनों से प्रदर्शन जारी है. देश के अलग अलग हिस्सों में भी विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं. आंदोलनकारियों पर प्रशासन कार्रवाई भी कर रहा है. इस बीच बिहार से प्रदर्शनों को लेकर नीतीश सरकार का एक ऐसा फरमान आया है, जिसने सभी को हैरान कर दिया. बिहार में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों का सरकारी नौकरी का सपना चूर चूर हो सकता है. बिहार पुलिस प्रदर्शन में शामिल लोगों का आचरण प्रमाण-पत्र खराब कर देगी, इससे उन्हें भविष्य में नौकरी करने में दिक्कत आ सकती है.


नीतीश सरकार के 'फरमान' से जुड़ी पांच बड़ी बातें




  1. बिहार के डीजीपी एसके सिंघल के कार्यालय से एक नोटिफिकेशन जारी किया गया है. बिहार के डीजीपी की तरफ से जारी एक चिट्ठी में साफ किया गया है कि अगर कोई शख्स कानून व्यवस्था की स्थिति, विरोेध प्रदर्शन और सड़क जाम में शामिल होकर आपराधिक कामों में लिप्त पाया जाता है और पुलिस की चार्जशीट में उसका नाम आता है तो ऐसे लोगों को गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा.

  2. आदेश के मुताबिक बिहार में सरकारी ठेका, सरकारी नौकरी, हथियार का लाइसेंस और पासपोर्ट के लिए पुलिस वेरिफिकेशन करवाना अनिवार्य है. चरित्र प्रमाण पत्र को लेकर जारी आदेश का पालन करवाने की जिम्मेदारी थानाध्यक्ष पर होगी. किसी भी परिस्थिति में चूक नहीं होनी चाहिए. बिहार पुलिस ने यह आदेश एक जनवरी 2021 को जारी किया.

  3. नीतीश सरकार ने पिछले 25 जनवरी को एक आदेश जारी किया था. गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी की ओर से जारी पत्र में कहा गया था कि बिहार में सरकारी ठेके उन्हीं व्यक्तियों को दिया जाये जिनका चरित्र स्वच्छ हो. ठेकेदार और उनके कर्मचारियों का चरित्र स्वच्छ होने का प्रमाण पत्र पुलिस जारी करेगी.

  4. बिहार पुलिस के इस आदेश के बाद विपक्ष ने सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निशाने पर लिया. आरजेडी अध्यक्ष तेजस्वी यादव ने तंज कसते हुए कहा कि बेचारे 40 सीट के मुख्यमंत्री कितने डर रहे हैं? इतना ही नहीं तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तुलना हिटलर और मुसोलिनी जैसे तानाशाहों से कर दी. तेजस्वी ने ट्वीट किया, '''मुसोलिनी और हिटलर को चुनौती दे रहे नीतीश कुमार कहते है अगर किसी ने सत्ता-व्यवस्था के विरुद्ध धरना-प्रदर्शन कर अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग किया तो आपको नौकरी नहीं मिलेगी. मतलब नौकरी भी नहीं देंगे और विरोध भी प्रकट नहीं करने देंगे. बेचारे 40 सीट के मुख्यमंत्री कितने डर रहे हैं?''

  5. नीतीश सरकार के पूर्व मंत्री और जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि विपक्ष बेवजह इस मामले को तूल दे रहा है. नीरज कुमार ने कहा, ''ये सारी बातें पहले से संविधान में इंगित है.विपक्ष बेवजह की दलील दे रहा है, धरना प्रदर्शन के बहाने हम किसी को कानून हाथ में नही लेने दे सकते हैं.इस आदेश का गलत आशय निकाला जा रहा है.''


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