बिहार: विधानसभा चुनाव से पहले उमड़ा सीएम नीतीश कुमार का उर्दू प्रेम
सीएम नीतीश कुमार ने कहा है कि उर्दू राज्य की दूसरी भाषा है लिहाज़ा इसका प्रयोग किया जाना चाहिए. अब सभी सरकारी बैनर, शिलापट्ट, पोस्टर, नेम प्लेट सहित तमाम सरकारी कार्यक्रमों में हिंदी के साथ उर्दू भाषा में भी लिखा जाएगा.
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पटना: नीतीश सरकार ने अल्पसंख्यकों खासकर मुसलमानों को लुभाने के लिए अपने पुराने संकल्प को कड़ाई से लागू करने का फरमान ज़ारी किया है. बिहार सरकार के उर्दू निदेशालय ने एक पत्र सभी विभागों से लेकर ब्लॉक स्तर के अधिकारियों को लिखकर सचेत किया है. अब सभी सरकारी बैनर, शिलापट्ट, पोस्टर, नेम प्लेट सहित तमाम सरकारी कार्यक्रमों में हिंदी के साथ उर्दू भाषा में भी लिखा जाएगा.
क्या है नियम
उर्दू निदेशालय के अपर मुख्य सचिव द्वारा राज्य में हिंदी के साथ-साथ उर्दू को द्वितीय भाषा के रूप में संकेत पट्ट, पदाधिकारियों के नेमप्लेट, सरकारी योजनाओं के बैनर, उद्धघाटन शिलापट्ट, होर्डिंग, सड़क, सार्वजनिक भवनों के नाम आदि में प्रदर्शित करने और सरकारी निमंत्रण पत्रों को भी हिन्दी के साथ-साथ उर्दू में प्रदर्शित करने के संबंध में एक पत्र जारी किया गया है. जिसकी कॉपी सभी प्रभारी पदाधिकारी, जिला उर्दू भाषा कोषांग, सभी अनुमंडल व प्रखंड पदाधिकारी व सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को भेजा गया है.
जिसमें कहा गया है कि राज्य सरकार हिंदी के साथ-साथ द्वितीय राजभाषा उर्दू के सफल कार्यन्वयन, प्रचार प्रसार और प्रगति को ध्यान रखते हुए, विभागीय अधिसूचना 17 अप्रैल 1981 के तहत संकेत पट्ट व नाम पट्ट को उर्दू में भी प्रदर्शित किया जाना है और इसके संबंध में विभाग द्वारा समय समय पर आपको अवगत करवाया जाता रहा है और इसलिए सभी से अनुरोध करते हुए कहा गया है कि सभी सरकारी कार्यो में जैसे पदाधिकारियों के नेमप्लेट से लेकर उद्धघाटन शिलापट्ट निमंत्रण पत्र आदि में उर्दू को स्थान देना अनिवार्य होगा. इस संबंध में सभी विभागों के प्रधान को उक्त जानकारी देते हुए इसपर जल्द से जल्द जवाब मांगा गया है.
उर्दू राज्य की दूसरी भाषा-बिहार सरकार
सीएम नीतीश कुमार ने कहा है कि उर्दू राज्य की दूसरी भाषा है लिहाज़ा इसका प्रयोग किया जाना चाहिए. सीएम के समर्थन में बिहार सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री खुर्शीद आलम ने भी कहा कि इससे अच्छा संदेश जाएगा. हालांकि सरकार के इस नए पहल को सियासत से जोड़ कर देखा जा रहा है. ग़ौरतलब है कि साल के अंत में विधानसभा का चुनाव है लिहाज़ा सीएम नीतीश कुमार ने अपने इस नए क़दम से विपक्षियों को नया मौक़ा दे दिया है.
नीतीश की उलटी गिनती शुरू-आरजेडी
आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि नीतीश कुमार जी की राजनीतिक जमीन खिसक चुकी है जब उन्होंने CAA पर बीजेपी का समर्थन किया. उस समय से ही उनका उल्टी गिनती शुरू हो चुकी थी. अब ये शिलापट्ट पर जो ये कर रहे हैं तो ये आज से नहीं पहले से ही है हमलोग के समय में भी रहा था. बहुत जगहों पर हिंदी के साथ-साथ उर्दू भाषा का प्रयोग शुरू से किया जाता रहा है.
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