Tejashwi Yadav Allegations: बगावत और अदावत, राजनीति में लफ्ज के मायने हैं. इसलिए सबको साधने की कोशिशें हो रही है, क्योंकि बगावत सत्ता के समीकरण बिगाड़ने का माद्दा रखती है. इसलिए नेता कह रहे हैं डरना जरूरी है. वैसे डर तो बिहार की राजनीति में भी दौड़ रहा है. ये डर जासूसी कांड का है. दरअसल, बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का दावा है कि उनकी जासूसी हो रही है? लेकिन जासूसी करवा कौन रहा है? इस सवाल पर बिहार की राजनीति में बड़ा उबाल है.


तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जासूसी का आरोप लगाया है. तेजस्वी यादव ने शनिवार (14 सितंबर) को मधुबनी में कहा, 'हमारी पार्टी की मीटिंग में CID और स्पेशल ब्रांच को CM नीतीश कुमार भेज रहे हैं. हमने मीटिंग में उनको पहले पत्रकार समझा, लेकिन वो फोटो या वीडियो लेने के बाद कहीं गए नही मीटिंग में जमे रहे. बाद में उन्होंने अपनी पहचान बताने के लिए अपना आईडी कार्ड दिखाया तब उनकी पहचान उजागर हुई. पार्टी की इंटरनल बैठक में मेरी निगरानी करवाई जा रही है.'


क्या बोले नीतीश के मंत्री?


तेजस्वी यादव के आरोपों और वार के बाद राज्य सरकार भी पलटवार पर उतारू हो गई. इसी क्रम में जेडीयू नेता अशोक चौधरी ने कहा, 'जासूसी उनकी कराई जाति है, जिनसे डर हो जिनसे भय हो. इनके पिता लालू यादव की जासूसी तो हमारे नेता ने कराई ही नहीं जिनको लोग जानते थे.' बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा, 'माफियाओं और कई धाराओं से सुशोभित अपने लोगों की आप जो गुप्त बैठक कराते हैं, उसमें CID के लोग इसलिए जाते हैं ताकि आपकी सुरक्षा में चूक न हो जाए.'


कांग्रेस ने क्या कहा?


तेजस्वी के बयान से बिहार की सियासत में भूचाल आया तो फ्रंट फुट पर कांग्रेस भी आई. तेजस्वी की जासूसी को मुद्दा बनाकर कांग्रेस ने विरोध के तीर दिल्ली पर तान दिए. कांग्रेस  प्रवक्ता आनंद मोहन ने कहा, 'केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों इस तरह का काम कर रही हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र में मोदी ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स को आगे कर रहे हैं तो बिहार में नीतीश कुमार क्राइम ब्रांच और सीआईडी को आगे कर रहे हैं.'


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