Big Action on Naxalism in Bihar: बिहार में जहरीली शराब से मौत और फिर मुआवजे को लेकर चल रही राजनीति के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है. बिहार पुलिस ने 10 लाख रुपये के इनामी माओवादी कमांडर और उसके सहयोगी को गया जिले से शनिवार को गिरफ्तार किया है. पुलिस के एक सीनियर अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की है. गिरफ्तार नक्सली की पहचान अभिजीत उर्फ बनवारी (जोनल कमांडर) और कुंदन के रूप में हुई है.
पुलिस अधिकारी ने गिरफ्तारी के बाद मीडिया को बताया कि पुलिस ने गिरफ्तार माओवादियों के कब्जे से एक एके-56 राइफल, 97 कारतूस और अन्य सामान बरामद किए हैं. इसके अन्य साथियों और पूरे नेटवर्क के बारे में पता किया जा रहा है. जल्द ही अन्य साथी कमांडरों को भी अरेस्ट किया जाएगा.
गुप्त सूचना के आधार पर एक्शन
गया की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरप्रीत कौर ने संवाददाताओं से कहा, ‘गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने अभिजीत सहित दोनों माओवादियों को शनिवार को गया के नंदई थाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया. झारखंड सरकार ने अभिजीत की गिरफ्तारी के लिए 10 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की थी जबकि बिहार सरकार ने 50,000 रुपये का इनाम घोषित किया था.’ झारखंड और बिहार पुलिस को 61 से ज्यादा मामलों में अभिजीत की तलाश थी.
सीआरपीएफ डीजी ने बताया पिछले कुछ साल में बिहार नक्सल मुक्त राज्य है. हालांकि रंगदारी गिरोह के रूप में इनकी मौजूदगी हो सकती है लेकिन बिहार में ऐसी कोई जगह नहीं है जहां नक्सलियों का दबदबा हो.
देश में इतने जिलों में बचा है नक्सलवाद
बिहार में हुई इस कार्रवाई ने एक बार फिर बताया है कि किस तरह सरकार नक्सलवाद पर एक्शन ले रही है. केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) के मुताबिक, देशभर में नक्सली हमलों की संख्या में 77 की कमी आई है. इसके अलावा, लोगों के मारे जाने की घटनाएं कम हो गई हैं और मरने वाले लोगों की संख्या में 85 फीसदी की कमी आ गई है. अब देश के सिर्फ 25 जिले ऐसे रह गए हैं। जो नक्सल प्रभावित हैं.
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