Bihar Terror Module: बिहार में पुलिस (Bihar Police) ने एक संदिग्ध आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने का दावा किया. जिसमें विवादित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से जुड़े तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पटना पुलिस की तरफ से दी गई जानकारी में बताया गया कि, ये लोग पिछले दो साल से ट्रेनिंग ले रहे थे और बाकी लोगों को भी ट्रेन किया जा रहा था. यहां तक दावा किया गया कि इन लोगों की साजिश भारत को 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाने की थी. साथ ही पीएम मोदी (PM Modi) भी निशाने पर थे. 


परिवार ने कहा - झूठे हैं सभी आरोप
हालांकि इस पूरे मामले को लेकर पुलिस के आरोपों को परिवार ने झूठा बताया है. पटना से गिरफ्तार हुए मोहम्मद जलालुद्दीन के बेटे ने कहा कि, मेरे पिता एएसआई के पद से रिटायर हुए हैं और उन्होंने 40 साल तक इस देश की सेवा की है. जिसने इतने साल देश की सेवा में लगाए हैं, वो ऐसा नहीं कर सकता है, उन्हें फंसाया गया है. 


पटना से पकड़े गए इस टेरर मॉड्यूल का ठिकाना फुलवारी शरीफ के मकान को बताया जा रहा है, लेकिन इस ठिकाने पर क्या हो रहा था ये किसी को खबर तक नहीं थी. जलालुद्दीन के बेटे ने दावा किया है उसके पिता ने इस मकान को अतहर परवेज को किराए पर दे रखा था. उसने बताया कि, अतहर परवेज ने हमारे घर को NGO चलाने के लिए किराये पर लिया था. वो गलत काम करता था या नहीं ये हमें जानकारी नहीं है. 


क्या है पुलिस का दावा?
पटना पुलिस ने दावा किया है कि गिरफ्तार किए गए लोग पिछले 2 सालों से ये पीएफआई और एसडीपीआई के नाम पर बहुत सारे लोगों को ट्रेन कर रहे थे. बाहर के जो चरमपंथी एलिमेंट हैं उन्हें यहां आश्रय दे रहे थे. बता दें कि पुलिस ने मोहम्मद जलालुद्दीन और अतहर परवेज को गिरफ्तार कर साजिश का पर्दाफाश करने की बात कही. इसके अलावा एक संदिग्ध को और गिरफ्तार किया गया. अब पुलिस पता लगाने में जुटी है कि साजिश में और कौन-कौन लोग शामिल हैं. पुलिस का ये दावा है कि, खुद आरोपियों ने कबूला है उनका मिशन एक गुप्त संगठन तैयार करना था. आगे इस मामले में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं. 


PFI की RSS से तुलना पर भड़की बीजेपी
पटना से हुई इन कथित आतंकियों कि गिरफ्तारी की चर्चा पूरे दिनभर रही, लेकिन इस घटना को लेकर एक और चीज खूब चर्चा का विषय बनी. दरअसल पटना के SSP जब आतंकियों को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे तो उन्होंने पीएफआई की ट्रेनिंग के तरीके को समझाने के लिए आरएसएस की शाखाओं में होने वाली ट्रेनिंग का उदाहरण दे दिया. उन्होंने कहा कि, जिस तरह आरएसएस लाठियों से लड़ने की ट्रेनिंग देता है, उसी तरह पीएफआई भी दे रहा था. 


एसएसपी के इस बयान पर बीजेपी भड़क गई. बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने इसे गैर-जिम्मेदाराना बयान बताया. राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने भी SSP के बयान की निंदा की. उन्होंने ट्वीट कर कहा - "प्रतिबंधित संगठन से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसे देशभक्त संगठन की तुलना करना निंदनीय और अज्ञानतापूर्ण है. पटना के एसएसपी को ऐसा बयान तुरंत वापस लेना चाहिए और इसके लिए माफी मांगनी चाहिए."


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