बिहार पुलिस ने एनसीआरबी की रिपोर्ट के आधार पर बताया- राज्य में अपराध की घटनाओं में आई कमी
एनसीआरबी की रिपोर्ट के आधार पर आज पटना पुलिस मुख्यालय की तरफ से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया गया. इसमें पुलिस ने बताया कि बिहार में अपराध की संख्या में कमी आई है. यहां आंकड़ों के आधार पर विभिन्न तालिका में राज्य का स्थान भी अपराध के मामले में बताया गया.
पटना: एनसीआरबी की रिपोर्ट के आधार पर आज पटना पुलिस मुख्यालय की तरफ से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया गया. इसमें बताया कि बिहार में अपराध की घटनाओं में कमी आई है. पुलिस मुख्यालय के एडीजी सीआईडी विनय कुमार ने कहा, "राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो (NCRB) द्वारा साल 2018 के अपराध के आंकड़े प्रकाशित किए गए हैं. राज्यों की जनसंख्या में अंतर और अपराधिक घटनाओं की संख्या के आधार पर आंकड़े प्रस्तुत करना व्यवहारिक नहीं है. इसलिए राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो द्वारा प्रति लाख जनसंख्या के आधार पर प्रत्येक राज्य के अपराध दर की गणना कर अपराध शीर्षवार आंकड़े प्रदर्शित किए जाते हैं. एनसीआरबी द्वारा अपराध दर के आधार पर देश के राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के अपराध आंकड़े प्रदर्शित किए गए हैं. राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो द्वारा प्रकाशित वर्ष 2018 के आंकड़ों के आलोक में अन्य राज्यों की तुलना में बिहार राज्य की तुलनात्मक स्थिति ऐसी है-
अपराध दर में कमी आई है
कुल संज्ञेय अपराध (आईपीसी और मद्य निषेध, आर्म्स एक्ट, नारकोटिक्स और सभी प्रकार के लोकल लॉ सहित थाने में प्रतिवेदित होने वाल सभी प्रकार के अपराध)- राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो द्वारा प्रकाशित वर्ष 2017 के आंकड़ों के अनुसार बिहार राज्य का अपराध दर 223.9 और 23 वां स्थान था जबकि साल 2018 में 222.1 अपराध दर के साथ राज्य का स्थान 23 वां है. वर्ष 2018 में राष्ट्रीय औसत 383.5 है. वर्ष-2017 की तुलना में राज्य में अपराध दर में कमी हो रही है. आईपीसी के तहत प्रतिवेदित काण्ड- वर्ष 2017 के आंकड़ों के अनुसार बिहार राज्य का अपराध दर 171.2 और 22 वां स्थान था. 2018 में 166.4 अपराध दर के साथ राज्य का स्थान 22 वां है. वर्ष 2017 की तुलना में 2018 में अपराध दर में कमी आयी है.
महिलाओं के खिलाफ अपराध में आई कमी
महिला अपराध 2017 में इस शीर्ष में 28.8 अपराध दर के साथ बिहार राज्य 28वें स्थान पर था. 2018 में 29.8 अपराध दर के साथ राज्य का स्थान 29 वां है. इस शीर्ष में राष्ट्रीय औसत दर 58.8 है. वर्ष 2018 में महिला के विरूद्ध अपराध में राष्टीय औसत की तुलना में राज्य का अपराध दर लगभग आधा है और 2017 की तुलना में राज्य के स्थान में एक स्थान का सुधार हुआ है. रेप- वर्ष 2017 में इस मामले में 1.2 अपराध दर के साथ बिहार राज्य 31 वें स्थान पर था. 2018 में इस तालिका में 1.1 अपराध दर के साथ राज्य 33वें स्थान पर है. इस तालिका में राष्ट्रीय औसत 5.2 है. 2017 की तुलना में वर्ष 2018 में इस तालिका में राज्य के स्थान और अपराध दर में सुधार हुआ है.
महिलाओं पर अत्याचार- 2017 में महिलाओं पर असॉल्ट में 0.1 अपराध दर के साथ बिहार राज्य 35वें स्थान पर था. वर्ष 2018 में 0.2 अपराध दर के साथ राज्य का स्थान 34वां है. इस तालिका में राष्ट्रीय औसत दर 7.4 है. पति या रिश्तेदार द्वारा प्रताड़ना- 2017 में 7.4 अपराध दर के साथ बिहार राज्य 20 वें स्थान पर था. 2018 में 4.5 अपराध दर के साथ राज्य का स्थान 23 वां है. इस तालिका में राष्ट्रीय औसत दर 16 है. 2017 की तुलना में 2018 में राज्य के अपराध दर में काफी कमी आयी है और स्थान में भी सुधार हुआ है.
शारीरिक शोषण- वर्ष 2017 में 0.2 अपराध दर के साथ बिहार राज्य 31वें स्थान पर था. 2018 में 0.2 अपराध दर के साथ राज्य की स्थिति सुधरकर 36 वें स्थान पर है. इस तालिका में राष्ट्रीय औसत दर 3.3 है. फिरौती हेतु अपहरण- वर्ष 2017 में इस शीर्ष में (0) अपराध दर के साथ बिहार अंतिम स्थान पर था. वर्ष 2018 में भी इस शीर्ष में (0) अपराध दर के साथ राज्य अन्य 21 राज्यों के साथ अंतिम स्थान पर है. देश के 14 राज्यों में बिहार राज्य से अधिक अपराध दर है.
हत्या- वर्ष 2017 में इस शीर्ष में (2.7) अपराध दर के साथ राज्य 09 वें स्थान पर था. वर्ष 2018 में ( 2.5) अपराध दर के साथ राज्य का स्थान 11वां है. इस तालिकां में भी राज्य के स्थान और अपराध दर में सुधार हो रहा है. डकैती के मामले में 2017 में राज्य 0.3 अपराध दर के साथ 12वें स्थान पर था. 2017 की तुलना में वर्ष 2018 में 0.2 अपराध दर के साथ तीन अन्य राज्यों के साथ संयुक्त रूप से राज्य का 16वां स्थान है. अपराध दर का राष्ट्रीय औसत 0.3 है. 2018 के आंकड़ों के अनुसार इस शीर्ष में भी राज्य के अपराध दर और स्थान में सुधार हुआ है.
लूट- 2017 में इस तालिका में 1.5 अपराध दर के साथ झारखण्ड के साथ संयुक्त रूप से बिहार का 16 वां स्थान था. 2018 में 1.5 अपराध दर के साथ दो अन्य राज्य के साथ संयुक्त रूप से राज्य का स्थान 17 वां है. इस तालिका में अपराध दर का राष्ट्रीय औसत 2.3 है. राष्ट्रीय औसत की तुलना में बिहार का अपराध दर लगभग 35 फीसदी कम है. 2017 की तुलना में वर्ष 2018 में राज्य के स्थान में एक स्थान का सुधार हुआ है. गृहभेदन की बात करें तो 2017 में इस तालिका में 4.5 अपराध दर के साथ त्रिपुरा राज्य के साथ 26 वें स्थान पर था. 2018 में 3.9 अपराध दर के साथ राज्य का स्थान 29 वां है. इस तालिका में राष्ट्रीय औसत 7.55 है. 2017 की तुलना में 2018 में इस तालिका में राज्य के अपराध दर में 13 % की कमी आयी है और स्थान में भी सुधार हुआ है.
चोरी - वर्ष 2017 में इस तालिका में 25.8 अपराध दर के साथ झारखण्ड राज्य के साथ बिहार 16वें स्थान पर था. इस शीर्ष में राष्ट्रीय औसत 47.3 है. वर्ष 2017 की तुलना में वर्ष 2018 में अपराध दर लगभग बराबर है. सामान्य अपहरण की बात करें तो 2017 में इस तालिका में 8.0 अपराध दर के साथ बिहार 9 वें स्थान पर था. 2018 में इस शीर्ष में 8.4 अपराध दर के साथ राज्य 15वें स्थान पर है. इस शीर्ष में राष्ट्रीय औसत 8.0 है. इस शीर्ष में अपराध दर लगभग बराबर है. लेकिन स्थान में 6 स्थानों का सधार हुआ है.
दंगा- 2017 में इस तालिका में 11.1 अपराध दर के साथ संयुक्त रूप से बिहार का तीसरा स्थान पर था. 2018 में 8.7 अपराध दर के साथ बिहार राज्य का स्थान चौथा है. 2017 की तुलना में 2018 में इस तालिका में राज्य के अपराध दर और स्थान में सुधार हुआ है.पांच या पांच से अधिक व्यक्तियों द्वारा आपस में मारपीट की सामान्य घटना को भी राज्य में दंगे की श्रेणी में रखा जाता है. राज्य का जनसंख्या घनत्व अधिक रहने के कारण मामूली सी बात या विवाद मारपीट की घटना में अधिक लोगों के एकत्रित रहने की संभावना अधिक रहती है. इस वजह से इस तालिका में बिहार में दर्ज अपराध की संख्या अधिक रहती है. पूर्ण शराबबंदी के बाद 2016 से दंगा के कांडों में कमी हो रही है. 2015 के अपराध दर 12.9 की तुलना में 2018 में अपराध दर में लगभग 33 फीसदी की कमी आयी है.
राज्य के विरूद्ध अपराध में 2017 में एक भी अपराध दर्ज नहीं किया गया है. इस तालिका में 2017 में राज्य का अंतिम स्थान था. इस साल भी इस तालिका में बिहार का अंतिम स्थान है. हत्या की कोशिश जैसे अपराध की बात करें तो इसमें राज्य में 2017 में अपराध की दर (9.1) है. इसमें भी 2018 में कमी आई है.