Buxar Police Farmers Clash: बिहार के बक्सर जिले के चौसा में किसानों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया है. किसानों ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि पुलिसकर्मियों ने जबरन उनके घरों में घुसकर महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के साथ मारपीट की है. दरअसल, मंगलवार (10 जनवरी) को बिहार पुलिस ने एक किसान के घर में घुसकर महिला-पुरुष सभी लोगों पर डंडे बरसा दिए. जिस पर किसानों का गुस्सा भड़क गया और बुधवार को उन्होंने पावर प्लांट में तोड़-फोड़ के साथ कई गाड़ियों में आग लगा दी थी.


किसानों का आरोप है कि पुलिस जबरदस्ती हम लोगों के घर में घुसी और मारपीट करने लगी. उन्होंने कहा कि मुआवजे की मांग को लेकर कई दिनों से किसान शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों ने कहा कि कंपनी के लोग पुरानी दर पर ही मुआवजा देकर जबरदस्ती हमारी जमीन का अधिग्रहण कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस प्रशासन और कंपनी मिलकर हम लोगों के जमीन पर कब्जा कर रही है. किसानों ने कहा कि पावर प्लांट में किसानों ने आगजनी और तोड़-फोड़ नहीं की. हमें फंसाने के लिए पुलिस ने ही इस घटना को अंजाम दिया है.


सीसीटीवी ने खोला पुलिसिया बर्बरता का राज


पुलिस के बर्बर लाठीचार्ज का मामला एक किसान के घर पर लगे सीसीटीवी फुटेज से खुला था. जिसमें पुलिस वाले जबरन किसान के घर में घुसते नजर आ रहे हैं. वहीं, पुलिस का कहना है कि एसजेवीएन प्लांट की ओर से जिन किसानों पर एफआईआर दर्ज कराई गई थी, उन्हें पकड़ने के लिए पुलिस दबिश देने गई थी. पुलिस ने कहा कि पहले किसानों ने उन पर हमला बोला था. हालांकि, सीसीटीवी फुटेज ने पुलिस की थ्योरी की धज्जियां उड़ा दीं.  इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं.


क्या है मामला?


बिहार के बक्सर जिले के चौसा में सतलुज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) के थर्मल पावर प्लांट से जुड़ी पाइप लाइन और रेलवे लाइन के लिए जमीन अधिग्रहण में उचित मुआवजा देने की मांग को लेकर किसान लंबे समय से धरने पर बैठे हैं. इस बीच पुलिस पर एक किसान के घर में घुसकर मारपीट करने का आरोप लगा. जिससे किसान उग्र हो गए. पुलिस की पिटाई के विरोध में किसानों ने सड़कों पर उतर कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया. साथ ही पुलिस पर भी हमला किया. इस मामले में कुछ किसानों को हिरासत में लिया गया है.


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