Bihar Police On Bihar Labourers: तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के साथ कथित मारपीट का बिहार पुलिस ने खंडन किया है. बिहार पुलिस ने इसे एक खतरनाक साजिश बताया है. एडीजी पुलिस मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा, "जनता को प्रोपेगैंडा से प्रभावित करने के लिए जानबूझकर वीडियो बनाया गया था. इस वीडियो के कारण और भी बुरे हालात पैदा हो सकते थे." उन्होंने इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की बात कही. उन्होंने कहा, "एक डीएसपी और 4 सदस्य फिलहाल तमिलनाडु में हैं."


उन्होंने इस मामले में अफवाह फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई किए जाने की बात कही. पुलिस मुख्यालय के एडीजी ने कहा, "अफवाह फैलाने के लिए पोस्ट करने और शेयर करने वाले बदमाशों को गिरफ्तार किया जाएगा. पुलिस इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने जा रही है. 10 सदस्यीय टीम जांच कर रही है" उन्होंने कहा, "जनता को प्रोपेगैंडा से प्रभावित करने के लिए जानबूझकर वीडियो बनाया गया था. इस वीडियो के कारण और भी बुरे हालात पैदा हो सकते थे."


 






वायरल वीडियोज की होगी जांच


पुलिस अधिकारी ने आगे कहा, "हमने फेसबुक, यूट्यूब और जीमेल को प्रिजर्वेशन नोटिस भेजा है जिसके तहत इन सभी सर्विस प्रोवाइडर्स को निर्देश दिया गया है कि वे लिंक्स को करीब तीन महीने तक अपने पास सेव रखें ताकि अगर कोई इसे डिलीट करता है तो पूरी जांच की जा सके." जितेंद्र सिंह ने कहा, "बिहार पुलिस यह सुनिश्चित करेगी कि कानून व्यवस्था बनी रहे, होली में घर जाने वाले सुरक्षित रहें और डर का माहौल न हो." 


होली को लेकर अलर्ट पर पुलिस


होली में तमिलनाडु से बिहार आने वाले मजदूरों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो, इसके लिए भी प्रबंध किए जा रहे हैं. पुलिस मुख्यालय के एडीजी ने कहा, "इसके लिए पुलिस अधिकारियों, प्रशासन और उद्योग के अधिकारियों के बीच चर्चा की जा रही है." बता दें कि होली पर बिहार पुलिस अलर्ट मोड में नजर आ रही है. होली का त्योहार राज्य में शांतिपूर्ण ढंग से मनाया जाए, इसके लिए पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं. 


तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों की स्थिति?


तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों पर कथित हमले में राजनीति चरम पर है. सरकार और पुलिस इस दावे का खंडन कर रही है, तो वहीं विपक्ष सरकार पर हमलावर है. पटना लौटे मजदूरों ने इस पूरे मुद्दे पर हकीकत बताई. न्यूज वेबसाइट एनबीटी की रिपोर्ट में मजदूरों ने कहा, "वहां हालात बहुत खराब हैं. हिंदी बोलते ही पिटाई शुरू की जाती है. वहां के लोग बिहारी मजदूरों की जगह अपने स्थानीय लोगों को रोजगार में तरजीह देने की बात कर रहे हैं." 


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