बिहारः विधानसभा चुनाव से पहले तेज हुई राजनीतिक नोंकझोंक, लालू ने नीतीश को कहा- जीवनभर राजनीतिक बैसाखी पर रहे
बिहार चुनाव के मद्देनजर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्चुअल सम्मेलन के दौरान लालू यादव के समय में हुए विकास कार्यों के साथ अपनी तुलना की थी. वहीं अब लालू यादव ने ट्वीट करते हुए नीतीश पर हमला किया है.
पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्चुअल सम्मेलन के आखिरी दिन शुक्रवार को अरवल, जहानाबाद, औरंगाबाद, गया और नवादा के जदयू कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि ने कहा 'मेरी दिलचस्पी कभी पैसे बनाने में नहीं रही. हम सिर्फ काम करना जानते हैं. हम साधारण आदमी हैं, कोई अमीर उमराव तो हैं नहीं. पैसे बनाने वाले आज कहां है, पूरी दुनिया देख रही है.' जिस पर लालू ने ट्वीट कर नीतश को घेरा है.
दरअसल, आरजेडी पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा 'हमारा काम उन लोगों को ठीक नहीं लगता जो अपने शासन में सिर्फ राज करते रहे. हम काम करते हैं. ऐसे में कुछ लोगों को इधर-उधर करने का मौका नहीं मिल रहा है, इसलिए वे लोग मुझे हटाना चाहते हैं. राज्य में महिलाओं के उत्थान के लिए हमने पंचायतों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया, बच्चियों को पोशाक और साइकिल दी. इन दोनों योजनाओं ने बिहार के समाज को बदल दिया.'
उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को कहा 'याद कीजिए, जब हमने यह फैसला लिया, उस समय पति-पत्नी की पार्टी ने हमारा कितना मजाक उड़ाया था. लेकिन हमने फैसला लिया और उसपर अड़े रहे. कुछ लोगों को इस बात से बहुत दुख भी हुआ है, लेकिन क्या किया जा सकता कुछ लोग तो कितना भी अच्छा कर दीजिए, वह गड़बड़ी करेंगे ही.'
मुख्यमंत्री ने कहा 'कुछ लोग यह दुष्प्रचार करते हैं कि हमारे पहले कार्यकाल में विकास के ज्यादा काम हुए. यह गलत है, हमने अपने हर कार्यकाल में पहले से ज्यादा काम किया. पहले 5 साल से ज्यादा दूसरे 5 साल में, दूसरे से ज्यादा तीसरे कार्यकाल में काम हुए हैं. 2015 में हमने सात निश्चय लागू किया था. इस बार मौका मिलने पर हर खेत तक सिंचाई के लिए पानी पहुंचा देंगे. कृषि प्रधान राज्य बिहार के लिए यह बहुत बड़ा काम होगा. हर घर बिजली पहुंचाने के बाद हर खेत तक बिजली पहुंचाने पर काम चल रहा है.'
जीवंत पर्यन्त दूसरों की राजनीतिक बैसाखियों के सहारे टिके और इस गंभीर संकट काल में भी 89 दिन से आलीशान बंगले के बाहर कदम नहीं रखने वाले देश के एकमात्र मुख्यमंत्री को क्या अब बाहर निकल गरीब जनता को नहीं संभालना चाहिए? क्या एक मुख्यमंत्री को विपदा में डर के मारे ऐसे छुपना चाहिए? pic.twitter.com/NYPI3IPYki
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) June 13, 2020
वहीं लालू ने ट्वीट कर कहा 'जीवंत पर्यन्त दूसरों की राजनीतिक बैसाखियों के सहारे टिके और इस गंभीर संकट काल में भी 89 दिन से आलीशान बंगले के बाहर कदम नहीं रखने वाले देश के एकमात्र मुख्यमंत्री को क्या अब बाहर निकल गरीब जनता को नहीं संभालना चाहिए? क्या एक मुख्यमंत्री को विपदा में डर के मारे ऐसे छुपना चाहिए?
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