(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Explained: पहली बार सिर्फ 7 दिन के लिए CM, कभी NDA तो कभी महागठबंधन, जानें 22 साल में नीतीश ने कितनी बार लिया यू-टर्न
Bihar Political News: जेडीयू नेता नीतीश कुमार आज आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. नीतीश कुमार ने बीजेपी से अपने रास्ते अलग करने के बाद कल नई सरकार बनाने का दावा पेश किया था.
Bihar Political Crisis Update: बिहार (Bihar) में सियासी उथल-पुथल के बाद नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने जेडीयू विधायक दल की बैठक (JDU Legislature Party Meeting) में बीजेपी (BJP) पर गंभीर आरोप लगाते हुए उससे नाता तोड़ लिया. इसके बाद नीतीश कुमार ने नई सरकार बनाने के लिए सीएम पद से इस्तीफा दिया फिर महागठबंधन सरकार ( Mahagathbandhan Government) बनाने का दावा पेश किया.
बता दें कि 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव परिणामों में आरजेडी को सबसे अधिक 122 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. वहीं, चुनाव में 42 सीटों पर जीत हासिल करने वाली जेडीयू ने 72 सीट हासिल करने वाली बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी. जिसके बाद अब नीतीश की जेडीयू ने बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ा है और फिर से सीएम पद की शपथ लेने जा रहे हैं.
आज दोपहर दो बजे महागठबंधन सरकार का शपथ ग्रहण समारोह है. नीतीश कुमार आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. आइए आपको बताते हैं इससे पहले कब-कब नीतीश कुमार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले चुके हैं.
1. नीतीश कुमार ने साल 1994 में अपने पुराने सहयोगी लालू यादव का साथ छोड़ने का फैसला लेकर सभी को चौंका दिया था. उस समय नीतीश कुमार ने जनता दल से अलग होकर जॉर्ज फर्नाडिंस के साथ मिलकर समता पार्टी का गठन किया था. नीतीश कुमार ने समता पार्टी के बैनर तले बिहार विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन वह चुनाव में बुरी तरह से पराजित हुए.
2. बिहार चुनाव में मिली हार के बाद नीतीश कुमार ने साल 1996 में बीजेपी से हाथ मिला लिया. बता दें कि उस समय बिहार में बीजेपी एक कमजोर दल के रूप में जानी जाती थी. हांलाकि, बीजेपी और समता पार्टी का बीच ये गठबंधन अगले 17 सालों तक जारी रहा. बता दें कि इस बीच साल 2003 में समता पार्टी जनता दल यूनाइटेड बन गई लेकिन बीजेपी के साथ उसकी दोस्ती जारी रही. दोनों दलों ने साल 2005 का विधानसभा चुनाव लड़ा जिसमें उन्हें शानदार जीत हासिल हुई. जेडीयू और बीजेपी ने साल 2013 तक बिहार में गठबंधन की सरकार चलाई.
3. नीतीश कुमार की जेडीयू और बीजेपी के बीच इस दौरान दरार पड़ने लगी. जिसकी वजह नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार की प्रधानमंत्री पद लालसा को बताया जाता है. साल 2013 में नीतीश कुमार ने बीजेपी से अपना 17 साल पुराना गठबंधन तोड़ दिया. नीतीश कुमार ने साल 2014 में लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने अपनी जगह बिहार सरकार के मंत्री जीतन राम मांझी को सीएम की कुर्सी पर बैठा दिया. इसके बाद वह अगले साल यानी 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गए.
4. साल 2015 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार ने लालू यादव, कांग्रेस और अन्य दूसरे दलों के साथ महागठबंधन बनाकर चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में लालू यादव की पार्टी आरजेडी को नीतीश कुमार की जेडीयू से ज्यादा सीटें मिलीं. बावजूद इसके नीतीश कुमार को बिहार का मुख्यमंत्री और तेजस्वी यादव को उपमुख्यमंत्री बनाया गया.
5. 2015 बिहार विधानसभा चुनाव में मिली जीत के बाद नीतीश कुमार की जेडीयू और लालू यादव की आरजेडी ने करीब 20 महीने तक राज्य में सरकार चलाई. इस दौरान नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच खटपट की खबरें सामने आने लगी थी. बिहार की जेडीयू-आरजेडी गठबंधन सरकार के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि साल 2017 में नीतीश कुमार ने इस्तीफा दे दिया. उस समय बीजेपी ने नीतीश कुमार को समर्थन देने का फैसला किया और वह एक बार फिर से बिहार के मुख्यमंत्री बन गए.
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