Bihar Political Crisis: बिहार की राजनीति को लेकर ऐसी अटकलें तेज हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यूटर्न लेकर बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल हो सकते हैं. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने उच्च पदस्थ सूत्र के हवाले से यह भी जानकारी दी है कि नीतीश कुमार रविवार (28 दिसंबर) की सुबह इस्तीफा दे सकते हैं.
नीतीश कुमार अब तक 8 बार सीएम पद की शपथ ले चुके हैं और अगर वह इस्तीफा देकर बीजेपी के समर्थन से फिर से इस पद पर लौटते हैं तो रिकॉर्ड 9वीं बार मुख्यमंत्री बनेगे.
इस बीच बिहार के सत्तारूढ़ महागठबंधन में शामिल सबसे बड़े दल आरजेडी की ओर से सरकार बनाने की कितनी संभावना है, इसे लेकर भी चर्चा है. क्या नीतीश कुमार के यूटर्न लेकर बीजेपी के साथ जाने पर आरजेडी बिहार में सरकार बना पाएगी, आइये सीटों का पूरा गणित समझते हैं.
बिहार में सीटों का गणित
बिहार में 243 सदस्यी विधानसभा में सत्तारूढ़ महागठबंधन के पास कुल 160 सीटें हैं. लालू प्रसाद यादव की आरजेडी 79 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है. जेडीयू के 45 और कांग्रेस के 19 विधायक हैं. इसके अलावा लेफ्ट समेत बाकी 17 विधायक हैं.
वहीं, बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के पास विधानसभा में 82 सीटें हैं, इनमें से बीजेपी के पास 78 और जीतन राम मांझी की हम के पास 4 सीटें हैं.
क्या आरजेडी बना पाएगी सरकार?
बिहार में 2020 के चुनाव के बाद से सबसे बड़ी पार्टी आरजेडी अगर नीतीश कुमार के जाने के बाद सरकार बनाने का दावा पेश करती है तो उसे विधानसभा में अपनी ताकत साबित करनी होगी. जेडीयू के बिना विधानसभा में महागठबंधन के पास 115 विधायक होंगे जो संख्या बहुमत के आंकड़े से 8 कम है. बहुमत का आंकड़ा 122 सीटों का है.
बिहार में एआईएमआईएम के पास एक विधायक है. अगर एआईएमआईएम महागठबंधन को समर्थन कर दे, फिर भी वह बहुमत की जरूरी संख्या से पीछे रहेगा.
आरजेडी के कुछ नेताओं को आंकड़ा जुटने की उम्मीद
सूत्रों के मुताबिक, आरजेडी के कुछ नेता नई सरकार बनाने का दावा पेश करने के पक्ष में हैं और उन्हें उम्मीद है कि ‘महागठबंधन’ को बहुमत के आंकड़े को हासिल करने के लिए आठ विधायकों का समर्थन जुटाया जा सकता है लेकिन तेजस्वी यादव समेत अन्य इस विचार से सहमत नहीं दिख रहे हैं क्योंकि 243 सदस्यीय विधानसभा में जेडीयू और बीजेपी के बहुमत के आंकड़े से ज्यादा सदस्य होंगे.
क्या होगा अगर नीतीश कुमार बीजेपी से हाथ मिला लें?
ऐसी स्थिति में नई सरकार आसानी से बनाई जा सकती है क्योंकि बीजेपी-जेडीयू गठबंधन के पास विधानसभा में जरूरी संख्या होगी. जेडीयू के साथ आ जाने से एनडीए के विधायकों की संख्या 82 से बढ़कर 127 हो जाएगी. जो बहुमत के आंकड़े 122 से ऊपर है.
यह भी पढ़ें- 'हर राज्य में लागू नहीं हो सकता एक ही फार्मूला', बिहार में सियासी संग्राम के बीच सीट शेयरिंग को लेकर बोले शशि थरूर