JDU Meeting: पीएम की दावेदारी में पिछड़ने की टीस या कुछ और, बिहार में क्यों टूट की कगार पर आई JDU, जानें
Bihar Politics: तीन बार के सांसद ललन सिंह करीब 30 साल से नीतीश के साथ हैं. मौजूदा परिस्थितियों में नीतीश कुमार अगर ललन सिंह को हटाने का रिस्क लेते हैं तो इस बात की भी चर्चा है कि जेडीयू टूट सकती है.
Janta Dal United Crisis in Bihar: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले दिसंबर की सर्दी में भी बिहार का सियासी पारा गर्म हो गया है. जनता दल यूनाइटेड के अंदर से जो खबरें आ रही हैं, वो बड़े फेरबदल की तरफ इशारा कर रही हैं और इस फेरबदल में सबसे बड़ा नाम जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह का सामने आ रहा है. चर्चा है कि ललन सिंह अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं.
दरअसल, 29 दिसंबर को जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की मीटिंग है. माना जा रहा है कि नीतीश उस दिन कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं. चर्चा तो यहां तक है कि नीतीश एक बार फिर पाला बदल सकते हैं.
ललन सिंह की जगह किसी और को अध्यक्ष बनाने की तैयारी
वहीं, जेडीयू ललन सिंह के इस्तीफे वाली खबर को खारिज कर रहा है. हालांकि ये चर्चा जोरों पर है कि दिल्ली में शुक्रवार (29 दिसंबर) को होने वाली जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में ललन सिंह की जगह किसी और को अध्यक्ष बनाया जा सकता है. ललन सिंह के इस्तीफे वाली चर्चा को हवा तब मिली जब 19 दिसंबर को विपक्ष के इंडिया गठबंधन की बैठक में नीतीश कुमार के नाराज होने की खबर सामने आई. बीजेपी के सांसद सुशील मोदी ने दावा किया कि नीतीश कुमार अपने पार्टी अध्यक्ष ललन से नाराज हैं और उन्हें 29 तारीख को हटाया जाएगा.
पीएम की दादेवारी खत्म होने के बाद से टेंशन!
ऐसा कहा जाता है कि पिछले साल जब बीजेपी और जेडीयू का गठबंधन टूटा तब इसके पीछे ललन सिंह का ही दिमाग था. ललन सिंह की सलाह पर आरजेडी से जेडीयू का गठबंधन हुआ और उस वक्त राजनीतिक गलियारों में ये बात चली कि नीतीश कुमार को विपक्षी गठबंधन के पीएम के तौर पर प्रोजेक्ट किया जाएगा. ललन सिंह ने नीतीश के पीएम प्रोजेक्ट की कमान संभाली और इसके बाद मई महीने में नीतीश कुमार ने ललन सिंह को साथ लेकर विपक्षी नेताओं से मिलने का सिलसिला शुरू कर दिया. तब तक सब बढ़िया लग रहा था. नीतीश कुमार विपक्षी एकजुटता के अगुवा बने हुए थे और जेडीयू को लग रहा था कि नीतीश पीएम दावेदारी की तरफ एक-एक कदम बढ़ा रहे हैं, लेकिन 19 दिसंबर को इंडिया गठबंधन की बैठक में नीतीश के सपने को जोर का झटका लगा. बैठक में जब ममता बनर्जी और केजरीवाल ने मिलकर पीएम उम्मीदवारी के लिए खरगे का नाम आगे कर दिया तो नीतीश इसे पचा नहीं पाए और यहीं से उनकी नाराजगी की खबरें तेज हो गईं.
ललन सिंह का गेम पता चलने के बाद से नाराज!
इसके अलावा जब ललन नीतीश के पीएम प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने में जुटे थे उस बीच ही पटना के सियासी गलियारों से खबर सामने आई कि जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह नीतीश को पीएम उम्मीदवार बनवाकर तेजस्वी को बिहार का सीएम और खुद को डिप्टी सीएम बनना चाहते हैं. इस खबर के सामने आने के बाद ही नीतीश कुमार के कान खड़े हो गए. नीतीश कुमार के कोर ग्रुप में सनसनी मच गई और फिर ललन सिंह की पार्टी और नीतीश कुमार को दी गई हर सलाह में स्वार्थ का सियासी समीकरण तलाशा जाने लगा.
ललन सिंह को हटाते ही टूट सकती है पार्टी
अब सवाल ये उठता है कि क्या नीतीश कुमार वाकई में ललन सिंह को हटाएंगे. राजनीति के जानकारों के मुताबिक दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं और लोकसभा चुनाव भी सिर पर है. बिहार की सत्ता में नीतीश कुमार की एंट्री के बाद से ही ललन सिंह उनके मुख्य रणनीतिकार माने जाते हैं. जेपी आंदोलन से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाले राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह मुंगेर लोकसभा सीट से जेडीयू के सांसद हैं. 3 बार के लोकसभा सांसद ललन सिंह करीब 30 सालों से नीतीश के साथ साए की तरह मौजूद हैं. मौजूदा परिस्थितियों में नीतीश कुमार अगर ललन सिंह को हटाने का रिस्क लेते हैं तो ये फैसला उन्हें ललन को भरोसे में रखकर करना होगा क्योंकि चर्चा इस बात की भी है कि जेडीयू टूट सकती है.
ललन सिंह पार्टी तोड़ने में माने जाते हैं माहिर
साल 2005 में राम विलास पासवान की पार्टी एलजेपी के दर्जन भर विधायकों को तोड़कर जेडीयू में शामिल करवा दिया था. तब राज्यपाल बूटा सिंह ने बिहार विधानसभा भंग कर दी थी. 2014 में आरजेडी के 14 विधायकों को तोड़कर जेडीयू में शामिल कराया था. 2018 में अशोक चौधरी समेत कांग्रेस के चार एमएलसी को तोड़कर जेडीयू में शामिल करा दिया था. 2020 में बीएसपी और एलजेपी से जीते एक एक विधायकों को तोड़कर जेडीयू में शामिल करा दिया था. 2021 में चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी को चाचा और भतीजा के दो धड़ों में तोड़ दिया था. शायद नीतीश कुमार को अपनी पार्टी में इसी तरह की टूट का डर सता रहा होगा इसलिए वो अपना हर एक कदम फूंक-फूंक कर रख रहे हैं.
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