Bihar Politics: बिहार (Bihar) में जदयू-बीजेपी (BJP-JDU) का गठबंधन टूट गया है. नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने महागठबंधन की मदद से बुधवार को सीएम पद की शपथ ली. इस पूरी उठा-पटक से राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश को असहज स्थिति में डाल दिया है. हरिवंश सीएम नीतीश कुमार से नाराज बताए जा रहे हैं. इसके पीछे की वजह नीतीश का हरिवंश को मंगलवार को सांसदों और विधायकों की बैठक में नहीं बुलाना है.
मंगलवार को इस्तीफा देने से पहले जदयू के सांसद और विधायकों की बैठक में हरिवंश राय को नहीं बुलाया गया था. हरिवंश जदयू के राज्यसभा सदस्य हैं. पार्टी के बीजेपी से अलग होने के बाद यह कयास लगाए जा रहे हैं कि वह इस पद पर बने रहेंगे या फिर इस्तीफा देंगे. हरिवंश ने इस संदर्भ में अभी तक इस पर अपना कोई बयान नहीं दिया है.
नीतीश कुमार से मिल सकते हैं उपसभापति हरिवंश
सूत्रों ने बताया है कि हरिवंश एक हफ़्ते बाद नीतीश कुमार से मुलाकात करेंगे और उनसे अपना विरोध दर्ज कराएंगे. अगर सीएम नीतीश कुमार इस्तीफा देने के लिए कहते हैं तो वे अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे. सूत्रों ने कहा कि हरिवंश नीतीश कुमार की इच्छा बीजेपी नेताओं को बताएंगे.
अगर बीजेपी या एनडीए के नेता हरिवंश को इस्तीफा देने के लिए कहते हैं तो वे उपसभापति पद से अपना इस्तीफा देंगे. ललन सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि 2017 में महागठबंधन छोड़कर बीजेपी के साथ जाने की सलाह जिन चार लोगों ने नीतीश कुमार को दी थी उनमें जदयू के पूर्व अध्यक्ष आरसीपी सिंह और हरिवंश भी थे.
क्या बोले ललन सिंह?
ललन सिंह (Lalan Singh) ने कहा कि हरिवंश नारायण सिंह एकमात्र सांसद थे जो मंगलवार को पार्टी की बैठक में नहीं आए थे. हमने उनसे फोन पर बात की. उन्होंने कहा कि नीतीश जी उनको सार्वजनिक जीवन में लाए हैं ऐसे में वह नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के साथ हैं और उनके साथ रहेंगे.
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