Bihar Politics: बिहार में हुए लोकसभा चुनाव में एनडीए को बहुत ज्यादा नुकसान नहीं उठाना पड़ा है, लेकिन राज्य के एक इलाके में जहां गठबंधन मजबूत स्थिति में था. वहां एनडीए को इस बार हार मिली है. भोजपुर और मगध का वो इलाका है, जहां की सात सीटें एनडीए हार गई है. इन सात सीटों को लेकर सियासी मंथन का दौर चल रहा है और अब आरोप प्रत्यारोप से लेकर छल और भीतरघात जैसे शब्द भी सुनाई देने लगे हैं.


भोजपुर और मगध के इलाके में बक्सर, आरा, सासाराम, काराकाट, औरंगाबाद, जहानाबाद और पाटलिपुत्र लोकसभा सीट शामिल हैं. ये सभी सीटें एक दूसरे से सटी हुई हैं और यहां एनडीए को मात मिली है. यहां गौर करने वाली बात ये है कि 2019 के चुनाव में सभी सीटें एनडीए के खाते में गई थीं. यही वजह है कि अब नतीजों के बाद बीजेपी के अंदर हार पर मंथन चल रहा है और शिकस्त की वजहों की तलाश हो रही है.


विधानसभा चुनाव में मजबूत करनी है स्थिति: सम्राट चौधरी


बिहार बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि जनता ने हमें 100 में से 75% अंक दिए हैं, लेकिन हम 90% अंक हासिल करना चाहते हैं. आने वाले विधानसभा चुनावों में हमें अपनी स्थिति को और मजबूत करना है और जो अंक इस चुनाव में मिले हैं, उसे बढ़ाना है. सम्राट चौधरी का ये बयान बुधवार को पार्टी की समीक्षा बैठक के बाद का है. बैठक में क्या हुआ इसकी खबर अखबारों में छपी जिसको लेकर विवाद शुरू हो गया है.


उपेंद्र कुशवाहा के ट्वीट से उठी अनबन की खबरें


वहीं, राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने अखबार में छपी एक खबर के साथ सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया है. खबर में कहा गया है, 'विस्तारकों ने कहा बीजेपी को जेडीयू का वोट ट्रांसफर नहीं हुआ'. 


कुशवाहा ने खबर के साथ लिखा है, "एनडीए के सभी घटक दलों के नेताओं से करबद्ध निवेदन है कि ऐसी खबरों को पब्लिक डोमेन में जाने से रोकें - बचें, क्योंकि इस तरह की खबरें आपस में कटुता बना-बढ़ा सकती है. आरोप-प्रत्यारोप की स्थिति को जन्म दे सकती है. चुनाव परिणाम की समीक्षा अतिआवश्यक है. परन्तु यह हमारा आंतरिक मामला है."


पवन सिंह ने पलट दी थी उपेंद्र कुशवाहा की बाजी


उपेंद्र कुशवाहा भी नेताओं की उस लिस्ट में शामिल हैं, जो चुनाव हारे हैं. कुशवाहा के खिलाफ बीजेपी से जुड़े भोजपुरी गायक पवन सिंह निर्दलीय चुनाव लड़े थे और ये बात सोशल मीडिया पर सामने आई थी कि बीजेपी से जुड़े लोग उनकी मदद कर रहे हैं. बाद में पवन सिंह को पार्टी से निकाल दिया गया था. चुनाव में पवन सिंह खुद भी हारे और उपेंद्र कुशवाहा को भी हरवा दिया. 


भीतरघात से बीजेपी के हाथ से गई बक्सर सीट!


बीजेपी चुनाव में बक्सर की सीट भी हार गई. बक्सर से बीजेपी के मिथिलेश तिवारी उम्मीदवार थे. उन्हें 4 लाख से ज्यादा वोट मिला, लेकिन 30 हजार वोट से हार गए. बक्सर में भी भीतरघात और छल की बात सामने आ रही है. मिथिलेश तिवारी गोपालगंज के रहने वाले हैं और पार्टी ने इन्हें ब्राह्मण बहुल बक्सर से उम्मीदवार बनाया था. यहां आरजेडी के सुधाकर सिंह चुनाव जीते हैं. 


बक्सर में मिथिलेश तिवारी 30 हजार वोट से हारे, उससे 17 हजार ज्यादा वोट यानी 47 हजार वोट निर्दलीय ब्राह्मण जाति के आनंद मिश्रा को मिले. आनंद मिश्रा भी बीजेपी के टिकट के दावेदार थे और आईपीएस की नौकर छोड़कर असम से बक्सर आये थे. यहां चुनाव में स्थानीय और बाहरी का मुद्दा छाया रहा. इन सब वजहों के चलते कहा जा रहा है कि एनडीए में अभी अनबन चल रही है. 


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