Bihar Reservation: बिहार में अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और पिछड़ा वर्गों के लिए आरक्षण की सीमा बढ़ाए जाने से जुड़े बिल को विधानसभा की मंजूरी मिल गई है. इसे ध्वनि मत के जरिए सर्वसम्मति से पारित कर दिया.
बिल में आरक्षण 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 फीसदी करने का प्रस्ताव है. EWS आरक्षण को मिलाकर यह 75 फीसदी हो जाएगा. इस बिल का बीजेपी ने भी समर्थन किया है.
लोकसभा चुनाव से पहले सीएम नीतीश कुमार का ये कदम बड़ा दांव माना जा रहा है. चर्चा के दौरान ही नीतीश कुमार पूर्व जीतन राम मांझी पर भड़क गए. इसपर जीतन राम मांझी ने भी पलटवार किया. वहीं पूरे मामले को लेकर बीजेपी ने नीतीश कुमार को घेरा है.
नीतीश कुमार क्या बोले?
विधानसभा में नीतीश कुमार ने जीतन राम मांझी पर भड़कते हुए कहा मेरी मूर्खता थी इसको (सीएम) बना दिया. उन्होंने कहा, ''इनको कोई आइडिया है. ये तो मेरी गलती है. इस आदमी (जीतन राम मांझी) को मैंने सीएम बना दिया. हम ही जानबूझकर उधर भगा दिए. साल 2013 में आपको (बीजेपी) छोड़ो तो अकेले ही थे. मैंने इनको मुख्यमंत्री बनाया तो पार्टी के लोग दो महीने में ही कहने लगे कि गड़बड़ है और इसे हटाओ. आखिर में मुझे बाध्य किया गया और मैं फिर से मुख्यमंत्री बना. मेरी मूर्खता से ये सीएम (जीतन राम मांझी) बन गए थे.''
उन्होंने आगे कटाक्ष करते हुए बीजेपी से कहा कि वो मांझी को गर्वनर क्यों नहीं बना देते. इसको लेकर बीजेपी हंगामा करने लगी तो सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई.
जीतन राम मांझी का पलटवार
जीतन राम मांझी ने कहा कि जातीय जनगणना कागजी हुई है. धरातल पर कोई नहीं गया है. यह बात ही हम कहना चाहते थे, लेकिन, हमें बोलने नहीं दिया गया. नीतीश कुमार मानसिक संतुलन खो बैठे हैं. इस कारण ऐसा कर रहे हैं.
बीजेपी ने की ये मांग
बिहार विधानसभा परिसर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बीजेपी ने नीतीश कुमार पर निशाना साधा. नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी नेता विजय सिन्हा ने कहा नीतीश कुमार ने जीतन राम मांझी का अपमान किया. ऐसे में नीतीश कुमार तुरंत माफी मांगें.
सिन्हा ने आगे कहा कि नीतीश कुमार ने दलितों का अपमान किया है. वो दलित विरोधी है.
लालू प्रसाद यादव ने दी बधाई
बिहार के पूर्व सीएम और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) चीफ लालू प्रसाद यादव ने बिल पास होने पर बिहार के लोगों को बधाई दी.
उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, ''बिहार में अब अनुसूचित जाति/जनजाति, पिछड़ा एवं अतिपिछड़ा वर्गों का आरक्षण दायरा 50% से बढ़ाकर 65% कर दिया गया है. EWS आरक्षण को मिलाकर बिहार में अब कुल 75% आरक्षण होगा.''
किसे कितना आरक्षण मिलेगा?
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने विधेयक का हवाला देते हुए बताया कि एसटी के लिए मौजूदा आरक्षण दोगुना कर किया जाएगा. वहीं एससी के लिए इसे 16 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया जाएगा.
वहीं,अति पिछड़ा वर्गों (ईबीसी) के लिए आरक्षण 18 फीसदी से बढ़ाकर 25 प्रतिशत तो ओबीसी के लिए आरक्षण को 12 फीसदी से बढ़ाकर 15 प्रतिशत किया जाएगा. बता दें कि शिक्षण संस्थानों और सरकारी नौकरियों में इन वर्गों के लोगों को इससे आरक्षण मिलेगा.