बिहार: भागलपुर में नकली बासमती चावल के गोरखधंधे का पर्दाफाश
भागलपुर में साधारण चावल में कैमिकल मिलाकर बासमती की खुशबू दी जाती थी और फिर 30 रुपए का चावल 100 रुपए किलो में बेचा जा रहा था.
भागलपुर: बिहार की राजधानी पटना से 234 किलोमीटर दूर भागलपुर में नकली बासमती चावल और चावल से बनने वाले चूड़े का गोरखधंधा चल रहा है. यहां 30 रुपये किलो वाले साधारण चावल को कैमिकल के जरिए बासमती की खुशबू दी जा रही है और देश के कई हिस्सों में 100 रुपये किलो के भाव से बेचा जा रहा है. खुलासे के बाद अब प्रशासन ने जांच बिठा दी है.
100 रुपए किलो में बेचा जा रहा था 30 रुपए का चावल
भागलपुर के जगदीशपुर इलाके में दैनिक भास्कर अखबार ने तीन दिन के स्टिंग ऑपरेशन के बाद बासमती चावल के काले कारोबार का पर्दाफाश किया है. यहां साधारण चावल में कैमिकल मिलाकर बासमती की खुशबू दी जाती थी और फिर 30 रुपए का चावल 100 रुपए किलो में बेचा जा रहा था.
जगदीशपुर की ही एक चावल मिल के कर्मचारी ने मिलावटी चावल बनाने का पूरा तरीका बताया.
रिपोर्टर- कौन सा है ये
कर्मचारी- सांभा
रिपोर्टर- मार्केट रेट कितना है सांभा का
कर्मचारी- 40 रुपए है
रिपोर्टर- 40 रुपए और ये केमिकल क्या है ये
कर्मचारी- ये केमिकल है मिलाते हैं खुशबू देते हैं
रिपोर्टर- कैसे मिलाते हैं कितना मिलाते हैं
कर्मचारी- चम्मच से लेकर.
रिपोर्टर- पूरे पैकेट में कितना हो जाता है जैसे 1 किलो का पैकेट है
कर्मचारी- 1 किलो के पैकेट में 1 क्विंटल 100 ग्राम
रिपोर्टर- अच्छा , उतना बढ़िया बन गया ये
रिपोर्टर- मतलब ये 40 रुपए का जो सांभा धान से बना चूड़ा है उसमें केमिकल मिलाने के बाद ये 80 से 100 रुपए किलो बिकेगा.
कर्मचारी- हां
चूड़े और चावल में मिलावट के इस काले धंधे से देश के कई राज्यों में नकली चावल भेज जा रहा था. भागलपुर से नकली बासमती लेकर पश्चिम बंगाल, दिल्ली, पटना और रांची के कारोबारी मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और गुजरात समेत पूरे देश में सप्लाई कर रहे थे.
नकली बासमती चावल के खुलासे के बाद एबीपी न्यूज संवाददाता प्रकाश कुमार बिहार की राजधानी पटना में चावल की पड़ताल के लिए पहुंचे तो यहां दुकानदार ने दावा किया उसकी दुकान पर असली चावल मिलता है.
कैसे बनता है नकली बासमती चावल ?
जिस धान का दाना लंबा हो उसे नकली बासमती बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. धान को पानी की टंकियों में गुनगुने पानी में भिगोया जाता है. इन्हीं टंकियों में कैमिकल मिला सुगंधित पाउडर मिला दिया जाता है. गीले धान को निकालकर बॉयलर में डाला जाता है. इससे तैयार चावल पूरी तरह बासमती जैसी खुशबू देता है.
नकली बासमती के इस काले खेल के बाद भागलपुर के अधिकारी जांच की बात कर रहे हैं. साफ है कि नकली चावल का धंधा करने वालों को किसी का डर नहीं वो आसानी से जनता को चूना लगा रहे हैं. देश के कई हिस्सों में भागलपुर से नकली बासमती चावल भेजा जा रहा है. लेकिन बड़ा सवाल है कि प्रशासन की नाक के नीचे इतना बड़ा काला धंधा बरसों से चल रहा है और किसी को कानोंकान खबर तक नहीं थी.