Bihar Caste Census: आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने शनिवार को दिल्ली में कहा कि हम जातीय जनगणना लागू कराने के लिए आंदोलन करेंगे. सभी पार्टी के लोग तैयार हैं. लोकसभा में केंद्र सरकार ने कहा था कि जातीय जनगणना संभव नहीं है इस पर लालू प्रसाद यादव ने कहा कि अगर केंद्र सरकार जातीय जनगणना नहीं कराना चाहती है तो बिहार सरकार अपने खर्चे पर जातीय जनगणना कराएं. हम लोग नीतीश कुमार के साथ हैं. अगर जाति जनगणना नहीं होगी तो हम लोग देशव्यापी प्रदर्शन करेंगे.
लालू यादव ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी यह योजना बना रहे हैं कि जातिगत जनगणना न हो. अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या बढ़ गई है इसलिए सरकार को उन्हें नौकरी देनी है. सरकार भले ही मना करे लेकिन हम सुनिश्चित करेंगे कि जाति आधारित जनगणना हो.
उन्होंने नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि बिहार में अफसरशाही है. यह बात हम लोग पहले से ही कहते आ रहे हैं. बिहार विधानसभा में मंत्री जीवेश मिश्रा के साथ जो हुआ वह गलत हुआ, अधिकारियों पर कार्रवाई हो. बिहार विधानसभा में असदुद्दीन ओवैसी के विधायकों ने वंदे मातरम गाने से मना किया तो लालू प्रसाद यादव ने असदुद्दीन ओवैसी को बीजेपी का एजेंट बताया. लालू यादव ने कहा, ओवैसी को सब जानते हैं. वह बीजेपी के इशारे पर काम करते हैं. राष्ट्रगान का अपमान नहीं होना चाहिए.
इससे पहले बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने बुधवार को कहा था कि राज्य अपने संसाधनों की मदद से ओबीसी की गिनती की मांग पर दबाव डालने के लिए वह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखेंगे. केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को दोहराया था कि जनगणना में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के अलावा अन्य जातियों को शामिल नहीं किया जाएगा. इसलिए बिहार के सामने राज्य विशेष की कवायद ही एकमात्र विकल्प बचा है.
तेजस्वी ने कहा था कि मुख्यमंत्री ने मॉनसून सत्र के दौरान उनके अनुरोध पर कार्रवाई की, जिसके परिणामस्वरूप एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर जातिगत जनगणना की मांग की थी. उन्होंने नीतीश पर इस मामले को लेकर आनाकानी करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि केंद्र ने बहुत पहले ही अपने इरादे स्पष्ट कर दिए थे.
जातिगत जनगणना के पक्ष में बिहार विधानमंडल द्वारा दो बार सर्वसम्मत से प्रस्ताव पारित किए गए हैं और इसकी वकालत करने वालों का मानना है कि सामाजिक न्याय और कल्याणकारी योजनाओं के अच्छे वितरण का रास्ता बेहतर करेगा.
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