पटना: राष्ट्रपति चुनाव यानी 'यूपी के लाल' बनाम 'बिहार की बेटी' मुकाबले को लेकर बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन के नेताओं में छिड़ी जुबानी जंग थमने का नाम नहीं ले रही है. मीरा कुमार की उम्मीदवारी तय होने के बाद लालू प्रसाद आक्रामक दिख रहे थे, लेकिन नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के आक्रामक होने के बाद लालू की पार्टी आरजेडी बचाव की मुद्रा में नजर आने लगी है.
जेडीयू के विधान पार्षद और प्रवक्ता नीरज कुमार ने सोमवार को आरजेडी पर निशाना साधते हुए चेतावनी भरे लहजे में कहा, "जेडीयू ने निश्चित रूप से राजनीतिक में बने रहने के लिए आरजेडी को जड़ी-बूटी उपलब्ध कराया है. सच का एहसास करना बेहतर होगा, वरना यह आत्मघाती होगा."
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश की पार्टी जेडीयू राष्ट्रपति चुनाव में बिहार के पूर्व राज्यपाल रामनाथ कोविंद को समर्थन कर रही है, जबकि आरजेडी, कांग्रेस सहित 17 पार्टियों की साझा उम्मीदवार मीरा कुमार के समर्थन में है.
'बिहार की बेटी' मीरा के बजाय 'यूपी के लाल' कोविंद को समर्थन देने के जेडीयू के फैसले को आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद ने एक 'ऐतिहासिक भूल' बताया था. इसके बाद महागठबंधन में बयानबाजी तेज हो गई. आरजेडी के विधायक भाई वीरेंद्र ने नीतीश कुमार को 'ठग' तक कह दिया. इसके बाद जेडीयू का तेवर आक्रामक हो गया. पार्टी नेताओं ने लालू से अपने नेताओं को संयम बरतने का निर्देश देने को कहा और सोमवार को आरजेडी बैकफुट पर आ गई.
आरजेडी नेता और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने सोमवार को अपने फेसबुक पर लिखा कि महागठबंधन के शीर्ष नेताओं में बेहतर समन्वय है. उन्होंने लिखा, "महगठबंधन पर बयान देने का अधिकार सिर्फ राष्ट्रीय अध्यक्ष का है, न कि किसी विधायक का या और किसी अन्य नेता का. किसी भी सूरत में गठबंधन से संबद्ध मामला तीनों दलों के राष्ट्रीय अध्यक्षों का मसला है, इसलिए उस पर किसी प्रकार की टिप्पणी करना शोभनीय नहीं है."
तेजस्वी ने आगे लिखा, "अगर किसी को किसी प्रकार की परेशानी है तो संबंधित प्लेटफॉर्म पर ही उसकी बात की जानी चाहिए न कि मीडिया के जरिए. हम इसे लेकर अत्यंत गंभीर हैं."