Air pollution: वायु प्रदूषण का नाम सुनते ही हम सबके जेहन में सबसे पहले दिल्ली का नाम आता है, लेकिन आप जानकर चौंक जाएंगे कि देश का सबसे प्रदूषित शहर दिल्ली नहीं है. ये हम नहीं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board) के आंकड़े बता रहे हैं. देश के सबसे प्रदूषित शहरों में पहले पायदान पर बिहार का कटिहार Katihar शहर हैं.
कटिहार की हवा दिल्ली से भी ज्यादा जहरीली
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सोमवार को देश के 163 अलग-अलग शहरों के प्रदूषण के स्तर को चेक किया. इसमें कटिहार की हवा दिल्ली से भी ज्यादा जहरीली निकली. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वायु प्रदूषण Air Pollution से जुड़ी सूची में कटिहार नंवर वन पर है. वहीं देश की राजधानी दिल्ली वायु गुणवत्ता सूचकांक में बेहद खराब AQI के साथ दूसरे नंबर पर है. 163 शहरों के AQI से पता चलता है कि सिर्फ दिल्ली एनसीआर ही नहीं बाकी शहरों का भी हाल बेहाल है. कटिहार में 7 नंवबर को सबसे अधिक वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 360 था. वहीं दूसरे नंबर पर दिल्ली का AQI 354 रहा. एनसीआर के नोएडा में AQI 328 और गाजियाबाद में 304 रहा.
अलग-अलग शहरों में वायु प्रदूषण
देश में वायु प्रदूषण के स्तर में बहुत ज्यादा सुधार होता दिखाई नहीं दे रहा है. चाहे बच्चे हो या बूढ़े सभी को इस जहरीली हवा का दंश झेलना पड़ रहा है. कटिहार और दिल्ली के बाद बात करें तो बिहार के बेगूसराय में AQI 339, हरियाणा के फरीदाबाद में 338, बल्लभगढ़ का 334 रहा. वहीं बिहार के ही सिवान का AQI 331, सोनीपत में 324, ग्वालियर में 312 और गुरुग्राम में AQI 305 दर्ज किया गया.
वायु प्रदूषण के बिगड़ते हालात को देखते हुए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Gopal Rai) ने वाहनों से निकलने वारे धुएं को कम करने के लिए उत्तर प्रदेश और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों से खास अपील की है. उन्होंने इन दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से अपील की है कि वे राजधानी की सीमाओं पर ट्रैफिक जाम से बचने के लिए पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर गैर-जरूरी सामान ले जाने वाले ट्रकों को डायवर्ट करने के उपाय करें. दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण के लिए पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं भी एक प्रमुख कारक हैं. पराली जलाने की घटनाओं में बहुत ज्यादा कमी नहीं देखी जा रही है. पिछले बुधवार को Indian Agricultural Research Institute ने पंजाब के खेतों में 3,634 पराली जलाने की घटना रिपोर्ट की थी. यह आंकड़ा इस साल का सबसे ज्यादा है.
AQI का पैमाना क्या बताता है
AQI के जरिए हवा में फैले प्रदूषण का स्तर चेक किया जाता है. अगर AQI ज़ीरो से 50 के बीच हो तो इसे 'अच्छी', 51 से 100 के बीच हो तो 'संतोषजनक' वहीं 101 से 200 के बीच हो तो 'ठीक-ठाक' माना जाता है. 201 से 300 AQI को 'खराब' जबकि 301 से 400 की श्रेणी को 'बहुत खराब' माना जाता है. अगर AQI 401 से 500 के बीच हो तो इसे 'गंभीर' श्रेणी में रखा जाता है.