नई दिल्ली: ट्रेनों के छह से 14 घंटे की देरी से चलने की वजह से उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल जाने वाले यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. राजधानी एक्सप्रेस को छोड़ कर अधिकतर ट्रेनें छह से 14 घंटे की देरी से चल रही हैं. रेलवे के ‘नेशनल ट्रेन इन्क्वायरी सिस्टम (एनटीईएस)’ में अपडेट जानकारी के अनुसार पूर्व की तरफ जाने वाली गाड़ियां छह से 14 घंटे की देरी से चल रही हैं. सप्तक्रांति सुपरफास्ट, बिहार संपर्कक्रांति, लिच्छवी एक्सप्रेस, चंपारण हमसफर एक्सप्रेस, स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस, गरीब रथ, संपूर्ण क्रांति, तूफान एक्सप्रेस और दुरंतो एक्सप्रेस प्रमुख हैं. इनमें से कुछ गाडियां प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से होकर गुजरती हैं.


पटरियों के मेंटेनेंस का काम हो रहा है


स्टेशनों पर गाड़ियों के आगमन और प्रस्थान का सही समय बताने वाली एनटीईएस से मिली जानकारी के अनुसार गाड़ियां नौ से 22 घंटे तक की देरी से गंतव्य तक पहुंच रही है जबकि सात से 11 घंटे तक की देरी से दिल्ली आ रही है. रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार विभाग का ध्यान फिलहाल रख रखाव पर है. रख रखाव और सुरक्षा के अलावा ट्रेनों की गति बढ़ाने के लिए रेलवे पटरियों के मेंटेनेंस का काम हो रहा है और इस कारण ट्रेनो के परिचालन में देरी हो रही है.


बिहार जाने वाले यात्रियों का क्या कहना है?


बिहार के मोतिहारी जाने वाले यात्री राजीव एल ठाकुर ने बताया, ‘‘मोतिहारी जाने के लिए बहुत पहले 24 अप्रैल का टिकट लिया था. दोपहर एक बजे के बाद से ही परिवार के साथ आनंद विहार स्टेशन पहुंच गया. सप्तक्रांति के मोतिहारी पहुंचने में आठ घंटे से अधिक लेट होने की जानकारी मिलने के बाद मैने अपना टिकट कैंसल करवा दिया. मैं पारिवारिक विवाह समारोह में हिस्सा लेने जा रहा था लेकिन अब नहीं जाऊंगा.’’


इसी तरह बिहार के दरभंगा जाने वाले एक यात्री जसवंत सिंह कहते हैं, ‘‘तीन दिन पहले मैं यहां नौ घंटे की देरी से पहुंचा था. बिहार संपर्क क्रांति आज फिर सात घंटे की देरी से चल रही है. यह 22 घंटे की देरी से आज वहां पहुंची है.’’ नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मौजूद एक यात्री शिवानी ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘यह साजिश है ताकि प्राइवेट बस चालकों को फायदा पहुंचाया जा सके क्योंकि पिछले एक साल में आनंद बिहार से प्रदेश के सभी जिलों के लिए बड़ी संख्या में प्राइवेट बसें चलनी शुरू हो चुकी हैं.’’


गाड़ियों के परिचालन में हो रही देरी के बारे में उत्तर रेलवे की सहायक महाप्रबंधक मंजू गुप्ता ने बताया, ‘‘तकनीकी समस्या के अलावा अलग-अलग जगहों पर काम चल रहा है, जिस वजह से ट्रेनों के परिचालन में देरी हो रही है.’’ पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी राजेश कुमार ने बताया, ‘‘आजकल पूर्व मध्य रेलवे के अलावा दूसरे सभी रेलवे में मेंटनेंस का काम चल रहा है. जहां काम होता है वहां हम ‘ब्लाक’ (रूकावट) देते हैं. इससे परिचालन में दो तीन घंटे का वक्त लग जाता है जिस वजह से ट्रेनें गंतव्य तक देर से पहुंच रही है.’’


काम पूरा होने में एक दो महीने का समय लगेगा: मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी, पूर्व मध्य रेलवे 


काम पूरा होने में कितना वक्त और लगेगा, राजेश कुमार, ‘‘थोड़े समय तक यात्रियों को दिक्कत होगी लेकिन उसके बाद हर तरह की समस्या से निजात मिल जाएगी. एक दो महीने का समय इसमें और लगेगा क्योंकि काम युद्धस्तर पर हो रहा है. इसलिए रेलवे ने फिलहाल पंक्चुअलिटी से ध्यान हटा कर मेंटनेंस पर केंद्रित किया हुआ है.’’


दूसरी तरफ पूर्व रेल मंत्री पवन कुमार बंसल ने कहा, ‘‘सरकार को रेलवे के परिचालन को प्राथमिकता में रखनी चाहिए. बार-बार सुविधा देने के नाम पर किराये में बढ़ोत्तरी करने वाली इस सरकार को यात्रियों को सुविधा भी देनी चाहिए.’’