Sand Mining Case: लालू यादव के नजदीकी सुभाष यादव के 8 ठिकानों से ED को क्या-क्या मिला? जानिए
ED Arrested Subhash Yadav: अवैध रेत खनन में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी ने लालू प्रसाद यादव के करीबी सुभाष यादव के ठिकानों पर छापेमारी कर गिरफ्तार किया. इसके बाद कोर्ट में पेश किया.
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Bihar Sand Mining Case: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के करीबी और आरजेडी नेता सुभाष यादव को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया. जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. सुभाष यादव को अवैध रेत खनन के मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया गया है. इससे पहले ईडी ने शनिवार (09 मार्च) को सुभाष यादव के आवास समेत कई ठिकानों पर छापेमारी की थी.
सूत्रों के मुताबिक, सुभाष यादव के दानापुर स्थित आवास से 2 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का कैश और अकूत संपत्ति से जुड़े दस्तावेज बरामद किए गए. सुभाष यादव ब्रॉडसन कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर भी हैं और बिहार में अवैध खनन का कारोबार करते हैं. मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बिहार पुलिस की ओर से पहले दर्ज की गई एफआईआर के बाद सामने आया था. इससे पहले 2018 में आयकर विभाग ने सुभाष यादव के ठिकानों पर छापेमारी की थी.
‘काले धन की वॉशिंग मशीन हैं सुभाष यादव’
वहीं इस मामले पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा, “बालू माफिया सुभाष यादव, अरुण यादव, भोला यादव, पूर्व विधायक अबू दोजाना और शराब-कारोबारी विनोद जायसवाल जैसे दर्जन-भर लोग लालू-राबड़ी परिवार की बेनामी सम्पत्ति और कालेधन के लिए वाशिंग मशीन का काम करते हैं.”
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, “जिस सुभाष यादव के परिसरों पर ईडी की टीम पहुंची, उन्होंने 13 जून 2017 को एक ही दिन में राबड़ी देवी के तीन फ्लैट 1 करोड़ 72 लाख रुपये में खरीद लिये थे. यह डील राबड़ी देवी की सम्पत्ति को जांच एजेंसियों के रडार से बाहर रखने की नीयत से हुई थी. आरजेडी ने 2019 के संसदीय चुनाव में सुभाष यादव को चतरा से टिकट दिया था. इनकी ब्राडसन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी सहित तीन कंपनियों को लालू प्रसाद और प्रेमचंद गुप्ता का संरक्षण प्राप्त है.”
‘इंडी गठबंधन जांच पर क्यों उठाता है सवाल?’
सुशील मोदी ने कहा, “आयकर (आइटी), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जैसी केंद्रीय एजेंसियां जब भी लालू प्रसाद की किसी मनी लॉन्ड्रिंग मशीन पर हाथ रखती हैं, तब करोड़ों के कालेधन का पता चलता है. इंडी गठबंधन भ्रष्टाचार के विरुद्ध ऐसी कार्रवाई का विंदुवार जवाब देने के बजाय उलटे जांच पर ही सवाल उठाता है.”
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