बिहार: नीतीश कुमार की 'घर वापसी' के असली हीरो हैं सुशील मोदी
नीतीश कुमार ने जिस तरह लालू यादव का साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थामा है, उसे उनकी घर वापसी कहा जा रहा है. लेकिन इस घर वापसी के असली हीरो बिहार में बीजेपी के बड़े नेता सुशील कुमार मोदी हैं.
पटना/नई दिल्ली: आरजेडी और जेडीयू में झगड़ा तो काफी दिनों से चल रहा था लेकिन कल 3 घंटे के अंदर बिहार की पूरी की पूरी राजनीति की चाल ही बदल गई. नीतीश कुमार ने जिस तरह लालू यादव का साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थामा है, उसे उनकी घर वापसी कहा जा रहा है. लेकिन इस घर वापसी के असली हीरो बिहार में बीजेपी के बड़े नेता सुशील कुमार मोदी हैं. सुशील मोदी ने लालू परिवार पर आरोपों की बौछार करके महागठबंधन को नीतीश के लिए बोझ बना डाला. सुशील मोदी आज नीतीश कुमार के साथ एक बार फिर से उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ भी लेने वाले हैं.
ये तस्वीर सब कुछ बयां कर रही है. 4 साल बाद दो दोस्त मिले तो चेहरे पर पुरानी चमक लौट आई. इस तस्वीर में नीतीश कुमार और सुशील मोदी दोनों मुस्कार रहे हैं. मुस्कुराहट की वजह भी तो है. 4 साल बाद जेडीयू और बीजेपी की गठबंधन फिर से हो गया और इस गठबंधन को दोबार बनाने के हीरो सुशील कुमार मोदी माने जाते हैं.
जानें नीतीश कुमार के इस्तीफे के पीछे की दस बड़ी वजहेंनीतीश कुमार के साथ हाथ मिलाने का संकेत तो सुशील मोदी ने 3 जुलाई को ही दे दिए था लेकिन तब वक्त और तारीख मुकर्रर नहीं किया था. सुशील मोदी ने इसी महीने तीन जुलाई को कहा था, ''ये एक बेमेल गठबंधन है. इस तरह लालू और कांग्रेस के साथ ये गठबंधन बहुत दिनों तक नहीं चल सकता. ये गठबंधन अपने पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएगा.''
सुशील मोदी ने ही लालू परिवार पर भ्रष्टाचार के मामलों का खुलासा कर आरजेडी और जेडीयू के बीच दरार की कहानी लिखनी शुरू की. कब क्या हुआ- इसी साल 4 अप्रैल को सुशील मोदी ने लालू परिवार के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव पर मिट्टी घोटाले का पहला आरोप लगाया. इसके बाद सुशील मोदी एक-एक कर लालू यादव और उनके परिवार पर भ्रष्टाचार बम फोड़ते रहे.
- कभी लालू यादव के पटना में मॉल का मुद्दा उठाया तो कभी बेनामी संपत्ति बनाने का आरोप लगाया. लगातार कई दिनों तक सुशील मोदी दस्तावेजों के साथ लालू परिवार पर हमला बोलते रहे.
- सुशील मोदी के लगाए आरोपों की जद में लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बड़े बेटे तेज प्रताप यादव, छोटे बेटे तेजस्वी यादव, बड़ी बेटी मीसा भारती और उनके पति शैलेष, लालू की छोटी बेटी नंदिनी और चंदा यादव थे.
- इन्हीं आरोपों और कागजातों के दम पर सीबीआई और ईडी ने लालू परिवार पर शिकंजा कसना शुरू किया. सीबीआई ने जुलाई में लालू परिवार के खिलाफ केस दर्ज कर उनके कई ठिकानों पर छापा तक मारा. बस यहीं से नीतीश की निगाहें आरजेडी के खिलाफ टेढ़ी होती चली गई.
सुशील मोदी के लालू परिवार पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोपों की वजह से ही नीतीश ने RJD से दूरी बनानी शुरू कर दी. हाल ये हो गया है कि नीतीश और लालू के बीच बातचीत पूरी तरह से बंद हो गई .अप्रैल से शुरू हुआ सुशील मोदी का अभियान साढ़े तीन महीने बाद जाकर सफल हो गया.
20 महीने तक चला महागठबंधन का कार्यकाल, हुए ये 6 बड़े बवाल...!
सुशील मोदी 2013 तक बिहार सरकार में उपमुख्यमंत्री थे और नीतीश कुमार के सबसे भरोसेमंद माने जाते थे. अब जब दोबारा बिहार में एनडीए सरकार बनने जा रही तो सुशील मोदी को फिर से डिप्टी सीएम का पद मिल जाएगा और नीतीश का भरोसा भी दोबारा जीत गए हैं ये तस्वीर साफ बयां कर रही है.
(पटना से उत्कर्ष सिंह के साथ प्रकाश कुमार की रिपोर्ट)
यह भी पढ़ें-
बिहार: रात भर हुआ ड्रामा, तेजस्वी बोले- ‘हमें मिले सरकार बनाने का मौका, ये तानाशाही है’
वो 3 घंटे जिसने बिहार की राजनीति को बदल कर रख दिया, जानें कब क्या हुआ?
महागठबंधन को बचाने के लिए लालू का फॉर्मूला, विधायक दल के सदस्य करें नए CM का चुनाव