Bihar Oppostion Unity Meeting: बिहार में शुक्रवार (23 जून) को होने वाली विपक्षी एकता की मीटिंग को चंद्रबाबु नायडु की तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) हिस्सा नहीं लेगी. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक टीडीपी को अब तक इस बैठक में शामिल होने का न्यौता नहीं मिला है, और अगर उनको न्यौता मिलता भी है तब भी वह इस बैठक में शामिल होने के मूड में नहीं है.
वहीं तेलंगाना की ही के.चंद्रशेखर राव की पार्टी बीआरएस एकजुट विपक्ष के विचार को खारिज कर चुकी है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प हो गया है कि शुक्रवार को होने वाली संयुक्त विपक्ष की इस बैठक में कौन-कौन शामिल होगा और इसमें क्या फैसला होगा? दिल्ली और पंजाब की सत्ता में बैठी पार्टी आप ने भी गुरुवार (21 जून) को इस बैठक में शामिल होने के लिए अपनी शर्तें रख दी हैं.
क्या है अरविंद केजरीवाल की शर्त?
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विपक्षी नेताओं को पत्र लिखकर 23 जून को होने वाली गैर-बीजेपी दलों की बैठक में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं के नियंत्रण को लेकर केंद्र के अध्यादेश पर चर्चा करने और मामले पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा था.
इस मुद्दे पर जब तेजस्वी यादव से जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, विपक्षी नेताओं की यह पहली बैठक नहीं है और न ही यह आखिरी होगी. अलग-अलग राय रखने वाले नेता एक साथ मिलने पर सहमत हुए हैं और वे सभी उन मुद्दों को उठाएंगे जिन्हें वे गंभीर मानते हैं. इसमें कोई समस्या नहीं है.
दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने इस बात पर जोर दिया था कि बैठक में चर्चा होने से पहले बात केंद्र के अध्यादेश से संबंधित विधेयक को राज्यसभा में पारित नहीं होने देने पर केंद्रित होनी चाहिए.
कौन-कौन पार्टियां हो सकती हैं शामिल?
पटना में शुक्रवार को होने वाली बैठक में केजरीवाल के अलावा कांग्रेस नेता राहुल गांधी, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी, द्रमुक अध्यक्ष एमके स्टालिन, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन जैसे समेत अन्य नेताओं के भाग लेने की उम्मीद है.