नई दिल्ली: 'सुरक्षा पर संग्राम' के बाद अब बंगला को लेकर बिहार की सियासत गरमाई हुई है. नीतीश सरकार ने लालू यादव के छोटे बेटे और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को सरकारी बंगला खाली करने का आखिरी वॉर्निंग दी है. वहीं तेजस्वी यादव ने साफ कर दिया है कि जबतक नीतीश कुमार का बंगला उनके नाम नहीं किया जाएगा, वे खाली नहीं करेंगे. भवन निर्माण विभाग ने आरजेडी कोटा के दो पूर्व मंत्रियों शिवचन्द्र राम और लालू यादव के होने वाले समधी चन्द्रिका राय का बंगला बल पूर्वक खाली कराने के आदेश ज़िला प्रशासन को दे दिए हैं.


तेजस्वी यादव ने कहा, "अब राजनीति का यही स्तर रह गया है. सुरक्षा और बंगला. उपमुख्यमंत्री का जो पद होता है वह संवैधानिक नहीं होता. नेता प्रतिपक्ष का संवैधानिक होता है. बार-बार सुशील मोदी 5 नबर के बंगला में आने को बेताब हैं. मैं नेता प्रतिपक्ष होने के नाते कैबिनेट मंत्री का दर्जा है. पहले जब सुशील मोदी पोलो रोड में थे तो कोई उनको दिक्कत नहीं होती था अब उनको दिक्कत होने लगी.''


बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा, ''हम लोगों को तंग करने के लिए यह बंगला खाली कराने की बात कही जा रही है. इस तरह की राजनीति होगी तो क्या होगा. हम को तो सरकार नेता प्रतिपक्ष मानती ही नहीं. जो कोर्ट का हवला दिया जा रहा है उस में पूर्व मंत्री की बात है. क्या भरोसा है कि अगर मैं सुशील मोदी के बंगला में चला भी जाऊं तो नया कमिटी नहीं बना के हटाया जा सके. मैं तो कई पत्र लिख चुका हूं कि 7 सर्कुलर का जो बंगला है पूर्व सीएम का वह सुशील मोदी को या मुझे दे दें, काम करने में दिक्कत नहीं होगी.''


वहीं जेडीयू के प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि तेजस्वी चाहते हैं कि नीतीश कुमार उनका बंगला जबरन खाली करवाएं ताकी सहानुभूति मिल सके. नीतीश कुमार भी अभी तुरत कार्रवाई के मूड में नहीं हैं. इसलिए बाकी मन्त्रियों को खाली कराने का दबाव बनाया जा रहा पर तेजस्वी यादव को फिलहाल छूट मिली हुई है. लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने पहले ही बंगला खाली कर दिया है.