पटना: लॉकडाउन में गुरुग्राम से पिता को साइकिल पर बैठाकर 1200 किलोमीटर दरभंगा लेकर पहुंची ज्योति कुमारी की खूब चर्चा हो रही है. तब किसी ने उसकी सुध नहीं ली, लेकिन अब उसके घर नेताओं का तांता लगा है. उसके घर आने वाले नेता सोशल डिस्टेंसिंग की भी परवाह नहीं कर रहे हैं. आज बिहार सरकार में सह खाद्य आपूर्ति मंत्री मदन सहनी पूरे लाव लश्कर के साथ ज्योति से मिलने पहुंचे. इस दौरान वह लॉकडाउन के नियम भी तोड़ते नज़र आए.


मंत्री जी भूल गए कि देश में लॉकडाउन लागू है


घर पहुंचकर कोई ज्योति को लड्डू खिला रहा है तो कोई उसे कपड़े गिफ्ट कर रहा है. बिहार के शिक्षा विभाग ने तो ज्योति को साइकिल और किताब कॉपी दी है और आगे की पढ़ाई के लिए उसका दाखिला भी करवाया है. आज ज्योति से मिलने उसके घर पहुंचे मंत्री मदन सहनी भूल गए कि देश में लॉकडाउन लागू है.


धक्का-मुक्की के बीच मदन सहनी ने ज्योति से बात की और पूरे परिवार को नए कपड़े दिए. इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार के स्तर पर भी ज्योति की हर संभव मदद की जाएगी. यदि कभी भी ज्योति को किसी प्रकार की मदद की जरूरत होगी तो सरकार उसके पूरे परिवार के साथ खड़ी नजर आएगी.


क्या है साइकिल गर्ल ज्योति की कहानी?


बता दें कि ज्योति पिछले दिनों अपने पिता मोहन पासवान को साइकिल पर बिठाकर करीब 1200 किमी से ज्यादा की दूरी 7 दिन में तय करके गुरुग्राम से बिहार के दरभंगा पहुंच गई थी. ज्योति ने रोजाना 100 से 150 किमी साइकिल चलाई. ज्योति के पिता गुरुग्राम में रिक्शा चलाते थे और उनके दुर्घटना का शिकार होने के बाद वह अपनी मां और जीजा के साथ गुरुग्राम आई थी और फिर पिता की देखभाल के लिए वहीं रुक गई. इसी बीच कोविड-19 के कारण लॉकडाउन की घोषणा हो गई और ज्योति के पिता का काम ठप्प पड़ गया. ऐसे में ज्योति ने पिता के साथ साइकिल पर वापस गांव का सफर तय करने का फैसला किया.


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