बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने शुक्रवार को उन अटकलों को खारिज कर दिया कि उनके पति और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के संस्थापक लालू प्रसाद (Lalu Yadav) अगले हफ्ते पार्टी के एक कार्यक्रम में राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ देंगे. राबड़ी देवी से मीडिया के एक हिस्से में आईं उन खबरों के बारे में पूछा गया था कि क्या प्रसाद अपने छोटे बेटे तेजस्वी यादव को पार्टी की बागडोर सौंप सकते हैं.
पत्रकारों के सवालों पर राबड़ी ने कहा 'झूठी खबरें चलाई जा रही हैं.' प्रसाद, आजकल ज्यादातर समय राष्ट्रीय राजधानी में अपने दिल और गुर्दे से संबंधित कई बीमारियों के लिए सख्त डॉक्टरी देखरेख में बिताते हैं. उनके पार्टी के कार्यक्रम के लिए आने की उम्मीद है. खराब स्वास्थ्य के कारण और चारा घोटाला के एक और मामले में फिर से जेल की सजा होने की स्थिति में प्रसाद के राजद अध्यक्ष का पद छोड़ने की अटकलें लग रही हैं.
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रांची में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक अदालत डोरंडा कोषागार से गबन मामले में इस महीने फैसला सुनाने वाली है. प्रसाद के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने भी अटकलों को खारिज किया. राजद विधायक तेजप्रताप ने कहा, 'वह (लालू) राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और रहेंगे.' तेजस्वी यादव राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं और 2020 के विधानसभा चुनावों में राजद के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार थे.
वहीं दूसरी ओर राज्यसभा में शुक्रवार को राष्ट्रीय जनता दल ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग करते हुए कहा कि बिहार की तरक्की के बिना देश का विकास नहीं हो सकता. साथ ही पार्टी ने कहा कि राष्ट्रपति का अभिभाषण दलीय दायरों से उठकर बनाया जाना चाहिए और उसमें पूरे देश के सरोकार नजर आने चाहिए.
उच्च सदन में राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए राजद के मनोज कुमार झा ने कहा कि राष्ट्रपति का अभिभाषण देश का एक ‘‘ब्लू प्रिंट’’ होता है जिसमें देश को दिशा एवं दशा देने की कोशिश की जाती है. उन्होंने कहा, ‘‘यदि हम विपक्ष में रहकर देश की दशा एवं दिशा को लेकर चिंतित हैं तो वे चिंता की लकीरें राष्ट्रपति के अभिभाषण में भी दिखाई देनी चाहिए थीं.’’
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