Bihar CBI Decalred Alive Woman Dead: बिहार के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) से सीबीआई (CBI) की लापरवाही का एक बेहद चौंका देने वाला मामला सामने आया है. यहां सीबीआई ने एक ऐसा काम किया जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह गया. यहां तक कि अदालत (Court) भी सीबीआई के इस कारनामे से हैरान थी. दरअसल, बिहार के सीवान (Siwan) जिले की 80 वर्षीय महिला, जो कि एक मामले में प्रमुख गवाह भी हैं शुक्रवार को मुजफ्फरपुर की सिविल कोर्ट में पेश हुईं और न्यायाधीश को बताया कि वह जीवित हैं. हालांकि सीबीआई ने इस महिला को मृत घोषित (Woman Declared Dead) कर दिया था. 


ये मामला पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड से जुड़ा हुआ है. केंद्रीय जांच ब्‍यूरो (CBI) द्वारा मृत घोषित की गई महिला गवाह बादामी देवी शुक्रवार को कोर्ट में हाजिर हुई और उन्होंने जज के सामने आकर कहा, "हुजूर, मैं जिंदा हूं. मुझे CBI वालों ने मृत घोषित कर दिया है." अदालत में सीबीआई ने बादामी देवी की मृत्यु की रिपोर्ट दाखिल की थी. ऐसे में महिला के कोर्ट में उपस्थित होने से जांच एजेंसी सीबीआई की काफी किरकिरी हुई. वहीं अब कोर्ट ने सीबीआई से स्पष्टीकरण मांगा है. 


सीबीआई के कारनामे से दुखी हुई महिला


बता दें कि, सीबीआई ने बीती 24 मई को कोर्ट में बादामी देवी को मृत बताते हुए रिपोर्ट दाखिल की थी. ये जानकारी जब बादामी देवी को मिली तो वे काफी दुखी हुईं. जिसके बाद आज वे खुद कोर्ट में उपस्थित हुईं और कहा, "मैं जिंदा हूं." महिला ने कोर्ट के सामने अपना आईकार्ड, पैन कार्ड, वोटर आई कार्ड भी दिखाया. इस पर कोर्ट ने कड़ी आपत्ति जाहिर करते हुए सीबीआई को शोकॉज नोटिस जारी किया है.


पहचान पत्र साथ लेकर कोर्ट में पहुंची


बादामी देवी ने कहा, "जब मुझे पता चला कि सीबीआई ने अदालत में मेरी मौत की रिपोर्ट दायर की है, तो मैं सदमे में चली गई. ये मेरे लिए निराशाजनक और दर्दनाक था. फिर, मैं अपना मतदाता पहचान पत्र, पैन कार्ड और आधार कार्ड के साथ अदालत में पेश हुई." उनके वकील शरद सिन्हा ने कहा कि राजदेव रंजन की हत्या में, दिवंगत सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन सहित 8 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. प्राथमिकी के अनुसार, शहाबुद्दीन के करीबी सहयोगी लड्डन मियां को राजदेव रंजन की हत्या का कांट्रेक्ट दिया गया था.


ये है पूरा मामला


उन्होंने बताया कि आरोपियों की नजर बादामी देवी (Badami Devi) के घर पर थी. वे उनकी संपत्ति को जबरन हड़पना चाहते थे और राजदेव रंजन पत्रकार (Rajdeo Ranjan Murder Case) थे जिन्होंने इस मुद्दे को एक हिंदी अखबार के माध्यम से उठाया था. वह सीवान (Siwan) के उस अखबार के ब्यूरो प्रमुख थे. कवरेज के बाद आरोपी ने उनके खिलाफ साजिश रची और 13 मई 2016 को सीवान में स्टेशन रोड पर उनकी हत्या कर दी. बादामी देवी इस मामले की प्रमुख गवाह हैं. 


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