पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कैश की किल्लत को लेकर बड़ा बयान दिया है. सुशील मोदी ने कहा है कि दो हजार के नोट होने ही नहीं चाहिए. बता दें कि देश के कई राज्यों में कैश की भारी किल्लत हो गई है. कई राज्यों में एटीएम के बाहर ‘नो कैश’ के बोर्ड लगा दिए गए हैं. लेकिन सरकार दावा कर रही है कि देश में पर्याप्त कैश उपलब्ध है.


सिक्कों को लेकर बड़ी परेशानी- सुशील मोदी

कैश की किल्लत को लेकर सुशील कुमार मोदी से जब सवाल पूछा गया को उन्होंने कहा, ‘’देश में दो हजार के नोट होने ही नहीं चाहिए. बिहार में सिक्कों को लेकर बड़ी परेशानी है.’’ उन्होंने कहा, ‘’बैंक सिक्के नहीं ले रहे हैं क्योंकि बैंकों की परेशानी सिक्कों को गिनने को लेकर है.’’

सुशील मोदी ने आगे कहा, ‘’हमारी सरकार ने रिजर्व बैंक से कहा है कि वह सिक्कों की गिनती का इंतजाम करें.’’ हालांकि उन्होंने दावा किया कि बिहार में नकदी की कमी की समस्या अगले दो से तीन दिनों में सुधर जाएगी.

पांच गुना बढ़ जाएगी 500 रुपये के नोटों की छपाई

बता दें कि सरकार ने आज माना कि बाजार में दो हजार रुपये के नोटों की ताजा सप्लाई रोक दी गयी है, क्योंकि बाजार में पर्याप्त मात्रा में ये नोट मौजूद हैं. दूसरी ओर सरकार ने ये भरोसा जताया कि जल्द ही 500 रुपये के नोटों की छपाई पांच गुना बढ़ जाएगी. बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश समेत कुछ राज्यों में एटीएम खाली पड़े हैं और नोटबंदी के बाद जैसी स्थिति है जब ना तो एटीएम से और ना ही शाखाओं से जरुरत के मुताबिक नकदी मिल पाती है.

क्यों हो रही है कैश की दिक्कत?

एसबीआई के मुताबिक, ग्राहक बैंक में नकद कम जमा कर रहे हैं और आरबीआई बैंकों की मांग के मुताबिक नकद जारी नहीं कर रहा है. आपको बता दें कि सूत्रों के मुताबिक एसबीआई के बिहार में 1100 एटीएम हैं. 1100 एटीएम में रोजाना 250 करोड़ रुपये की जरूरत है. लेकिन अभी 125 करोड़ रुपये यानी आधा पैसा ही मिलता है. पटना में सिर्फ सरकारी बैंकों में ही नहीं प्राइवेट बैंकों के एटीम में भी कैश की किल्लत है.

नोटबंदी से ज्यादा कैश अभी मौजूद: आरबीआई रिपोर्ट

आरबीआई रिपोर्ट ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, ‘’हालात भले ही नोटबंदी जैसे बने हों, लेकिन सरकारी खजाने की हालत नोटबंदी के दिनों जैसी बिल्कुल नहीं है. देश में इस वक्त कैश की कोई कमी नहीं है. नोटबंदी के समय से ज्याद कैश अभी मौजूद है. नोटबंदी से चार दिन पहले चार नवंबर 2016 को 17.97 लाख करोड़ कैश मौजूद था. 31 मार्च 2017 को बाजार में 13.35 लाख करोड़ कैश की मौजूदगी बताई गई. 6 अप्रैल 2018 को 18.42 लाख करोड़ यानी नोटबंदी के समय के ज्यादा कैश बाजार में मौजूद है.’’

यह भी पढ़ें-

कैश की किल्लत: सरकार के दावों पर उठ रहे हैं ये चार बड़े सवाल

दो हजार के नोट की सप्लाई बंद, 500 के नोट पांच गुना ज्यादा छपेंगे

A To Z: कैश का संकट आखिर है क्या और सरकार क्या कर रही है?

कैश की किल्लत पर वित्त मंत्री जेटली ने कहा- बाजार में पर्याप्त कैश, अचानक मांग बढ़ने से हुई दिक्कत