Bijnor: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले को महात्मा विदुर की धरती के नाम से भी जाना जाता है. बिजनौर सदर विधानसभा सीट गंगा के किनारे बसा हुआ शहर है. गठबंधन के बंधन में सपा और आरएलडी बिजनौर की इस सीट पर आमने-सामने हो गई है. मिलकर चुनाव लड़ने का दावा करने वाले अखिलेश यादव और जयंत चौधरी ने अपने-अपने प्रत्याशी को सिंबल देकर गठबंधन में गांठ कर दिया है. क्या है पूरी कहानी आइये जानते हैं.


बिजनौर सदर सीट से आरएलडी ने डॉक्टर नीरज चौधरी को अपना प्रत्याशी बनाते हुए उन्हें सिंबल जारी कर चुनावी मैदान में उतरने के लिए प्रत्याशी बनाया है. नीरज चौधरी पेशे से डॉक्टर हैं और इस बार पहली बार चुनावी मैदान में उतरें हैं. अपनी जीत का दावा कर रहे नीरज चौधरी कहते हैं गठबंधन में कोई कंफ़्यूजन नहीं है और वहीं दावेदार हैं. आरएलडी की पहली लिस्ट में अपने नाम का ज़िक्र करते हैं और कहते हैं कि सरकार अखिलेश-जयंत की बनेगी इस बार. उधर इस सीट से डॉ रमेश तोमर ने अपने दावेदारी बताते हुए कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश द्वारा उन्हें पार्टी का सिंबल दिया गया है. हालांकि रमेश तोमर ने अब तक नामांकन नहीं किया है. लेकिन गठबंधन का चेहरा खुद को बता रहे हैं और इस सीट से दावेदारी ठोंकते हुए नज़र आ रहे हैं. जैसा राष्ट्रीय अध्यक्ष का आदेश हुआ है उसी के आधार पर वह चुनावी मैदान में उतर कर जनता के बीच में जाएंगे और जल्द ही नामांकन करा के चुनावी मैदान में होंगे. उधर सपा के समर्थक भी रमेश तोमर के घर पर डटे हुए हैं.


बीजेपी को सपा-आरएलडी की लड़ाई से मिल रहा फायदा


इन सबके बीच किसका पलड़ा भारी है बिजनौर की जनता से एबीपी ने जानने की कोशिश की. बिजनौर के एक मशहूर चाय की दुकान पर चर्चा का विषय आरएलडी और सपा की आपसी लड़ाई ही बना हुआ है. हालांकि लोगों के मुताबिक़ जल्द ही ये मामला सुलझा लें तो दोनों पार्टियों को लिए बेहतर है क्योंकि इससे सीधा फ़ायदा बीजेपी को होता नज़र आ रहा है.


बिजनौर के मुख्य मुद्दे


साल 2022 के विधानसभा चुनाव में बदलाव देखने को मिल सकता है. जिसका मुख्य कारण कृषि कानून माना जा रहा है. इस सीट पर सबसे बड़ी समस्या रेलवे की है. बिजनौर जिला मुख्यालय से केवल मात्र 2 ट्रेनें ही होकर गुजरती हैं यहां के कारोबारियों की जाने के लिए दिल्ली से ही अन्य जगह के लिए जाना पड़ता है. शिक्षा के लिहाज़ से यूनिवर्सिटी खोलने की मांग की भी होती रही है.


मतदाताओं की संख्या


बिजनौर सदर पर कुल 373654 वोटर हैं जिसमें 196394 पुरुष और 177260 महिलाएं शामिल हैं. जातिगत आंकड़े की बात करें तो इस सीट पर 1 लाख 70 हज़ार क़रीब मुस्लिम मतदाताओं की संख्या है. 70 हजार के करीब जाट हैं. 52 हजार के करीब दलित और 22 हजार के लगभग सैनी वोट हैं.


2017 का रिपोर्ट कार्ड


साल 2017 में हुए चुनावों में बीजेपी की सूची चौधरी को 1,05548 वोट पड़े और इसी के साथ वो चुनाव जी गईं. वहीं, एसपी की रुचि वीरा को 78267 वोट ही मिले. 


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