Paika Rebellion: बीजू जनता दल ने की केंद्र सरकार से मांग, पाइका विद्रोह को मिले भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम का दर्जा
Paika Rebellion: बीजू जनता दल ने वर्ष 1817 में हुए पाइका विद्रोह को भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम का दर्जा दिए जाने की मांग की है.
Paika Rebellion: ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ 1817 में ओडिसा में पाइका विद्रोह की शुरुआत हुई थी. ओडिसा में पारंपरिक सेना और सेनानियों को पाइका कहा जाता था जिन्हें शांति काल में वर्तमान पुलिस जैसा काम दिया जाता था. 1803 में कंपनी द्वारा ओडिसा पर कब्जे के बाद पाइका के भीतर कंपनी की नीतियों को लेकर असंतोष पनपने लगा था.
बीजू जनता दल ने वर्ष 1817 में हुए पाइका विद्रोह को भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम का दर्जा दिए जाने की मांग की है. सोमवार को संसद भवन में पार्टी के लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों ने केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल से मुलाकात की. मुलाकात में पार्टी प्रतिनिधिमंडल ने मेघवाल को अपनी मांग के रूप में एक ज्ञापन सौंपा.
शिक्षा मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने किया था ये वादा
मुलाकात के बाद पार्टी के राज्यसभा सांसद सस्मित पात्रा ने एबीपी न्यूज को बताया कि जून 2017 में ओडिसा कैबिनेट ने इस बारे में एक प्रस्ताव पारित किया था. उसके बाद ओडिसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने तब के गृह मंत्री राजनाथ सिंह को एक पत्र लिखकर अपनी मांग दोहराई थी. पात्रा के मुताबिक अक्टूबर 2017 में तत्कालीन शिक्षा मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भुबनेश्वर में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में इस बात का वादा किया था कि पाइका विद्रोह को स्कूली पाठ्यक्रम में पढ़ाया जाएगा.
राज्यसभा में संस्कृति मंत्रालय ने किया इंकार
हालांकि संसद के वर्तमान शीतकालीन सत्र के दौरान 2 दिसंबर को राज्यसभा में दिए एक लिखित जवाब में संस्कृति मंत्रालय ने ऐसा करने से इंकार किया है. पात्रा के मुताबिक सरकार के इस जवाब से ओडिसा के लोगों को निराशा हुई है. अभी तक 1857 के सैनिक विद्रोह को भारत का पहले स्वतंत्रता संग्राम माना जाता है. वीर सावरकर ने अपनी किताब ' 1857: भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम ' में पहली बार इस सैनिक विद्रोह को स्वतंत्रता संग्राम की संज्ञा दी थी. तब से 1857 के सैनिक विद्रोह को ही पहला स्वतंत्रता संग्राम माना जाता रहा है.
यह भी पढ़ें.