Bilkis Bano Case: दोषियों की सजा माफ करने के मामले में 6000 लोग की SC से अपील, रद्द किया जाए ये निर्णय
Bilkis Bano case: छह हजार से अधिक नागरिकों ने सुप्रीम कोर्ट में बिलकीस बानो मामले में दोषियों की सजा माफ करने के निर्णय को रद्द करने का निर्देश देने का आग्रह किया है.
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Bilkis Bano Case: सामाजिक, महिला एवं मानवाधिकार सक्रियतावादियों समेत छह हजार से अधिक नागरिकों ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से आग्रह किया है कि 2002 के बिलकीस बानो (Bilkis Bano) मामले में बलात्कार (Rape) और हत्या (Murder) के लिए दोषी करार दिये गए 11 व्यक्तियों की सजा माफ करने के निर्णय को रद्द करने का निर्देश दिया जाए.
एक संयुक्त बयान में कहा गया, “सामूहिक बलात्कार और हत्या के दोषी 11 लोगों की सजा माफ करने से उन प्रत्येक बलात्कार पीड़िता पर हतोत्साहित करने वाला प्रभाव पड़ेगा जिन्हें न्याय व्यवस्था पर भरोसा करने, न्याय की मांग करने और विश्वास करने को कहा गया है.” बयान जारी करने वालों में सैयदा हमीद, जफरुल इस्लाम खान, रूप रेखा, देवकी जैन, उमा चक्रवर्ती, सुभाषिनी अली, कविता कृष्णन, मैमूना मुल्ला, हसीना खान, रचना मुद्राबाईना, शबनम हाशमी और अन्य शामिल हैं.
निर्णय तत्काल वापस लिया जाए
नागरिक अधिकार संगठनों में सहेली वूमन्स रिसोर्स सेंटर, गमन महिला समूह, बेबाक कलेक्टिव, ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव वूमन्स एसोसिएशन, उत्तराखंड महिला मंच और अन्य संगठन शामिल हैं. बयान में मांग की गई है कि सजा माफी का निर्णय तत्काल वापस लिया जाए. बयान में कहा गया है कि हत्या और बलात्कार के इन दोषियों को सजा पूरी करने से पहले रिहा करने से महिलाओं के प्रति अत्याचार करने वाले सभी पुरूषों के मन में (दंडित किये जाने का) भय कम हो जाएगा.
न्याय व्यवस्था में महिलाओं के विश्वास को बहाल किया जाए
बयान में कहा गया, “हम मांग करते हैं कि न्याय व्यवस्था में महिलाओं के विश्वास को बहाल किया जाए. हम इन 11 दोषियों की सजा माफ करने के फैसले को तत्काल वापस लेने और उन्हें सुनाई गई उम्र कैद की सजा पूरी करने के लिए जेल भेजने की मांग करते हैं.” सजा माफी नीति के तहत गुजरात सरकार द्वारा 11 दोषियों की रिहाई की अनुमति दिये जाने के बाद वे 15 अगस्त को गोधरा उप कारागार से बाहर आ गए. इन दोषियों ने जेल में 15 साल से अधिक समय बिताया है.
बिलकीस बानो उस वक्त 21 साल की थी और उसे पांच महीने का गर्भ था
मुंबई की एक विशेष सीबीआई अदालत ने 21 जनवरी 2008 को इन 11 लोगों को बलात्कार और बिलकीस बानो के परिवार के सात सदस्यों की हत्या के आरोप में उम्र कैद की सजा सुनाई थी. इन 11 लोगों की दोषसिद्धि को बंबई उच्च न्यायालय ने बरकरार रखा था. बिलकीस के साथ जब सामूहिक बलात्कार किया गया था, उस वक्त वह 21 वर्ष की थी और उसे पांच महीने का गर्भ था. मारे गये लोगों में उसकी तीन साल की बेटी भी शामिल थी.
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