मुंबई : साल 2002 में गुजरात दंगों की पीड़ित बिलकिस बानो केस में आज बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. साल 2008 मे मुंबई की सत्र न्यायालय ने इस मामले में 11 लोगों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी. गोधरा कांड के बाद गुजरात में हुए दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप की घटना हुई थी. इसके साथ ही इनके 14 रिश्तेदारों को मौत के घाट उतार दिया गया था.
छह पुलिस वाले भी दोषी करार
इस मामले में हाईकोर्ट ने छह पुलिस वालों को भी दोषी करार दिया है. उनपर मामले के सबूत मिटाने के आरोप थे और निचली अदालत ने उन्हें बरी कर दिया था. हालांकि, उनपर कौन-कौन सी धाराएं लगी हैं और क्या सजा होगी, इस बारे में पूरी जानकारी बाद में उपलब्ध होगी.
सेशन्स कोर्ट के फैसले को बॉम्बे हाईकोर्ट में दी थी चुनौती
आरोपियों में जसवंत नाई, गोविंद नाई, शैलेश भट, राधेशाम शाह, बिपिनचंद्र जोशी, कोसरभाई वोहानिया, बाकाभाई वोहानिया, प्रदिप मरोडिया, राजूभाई सोनी, मितेश भट और रमेश चंदाना के नाम शामिल हैं. इन्ही 11 लोगों ने सेशन्स कोर्ट के इस फैसले को बॉम्बे हायकोर्ट में चुनौती दी थी. बॉम्बे हाईकोर्ट में जस्टिस विजया कापसे और जस्टिस मृदुला भाटकर की बेंच के सामने इस मुकदमें की सुनवाई हुई.
सीबीआई ने भी की थी आरोपियों की सजा को बढ़ाने की मांग
हाईकोर्ट में सीबीआई ने भी इस मामले में अर्जी लगाते हुए आरोपियों की सजा को बढ़ाने की मांग की थी. सीबीआई ने इसे 'रेअरेस्ट ऑफ रेअर' केस बताकर 3 आरोपियों के लिए फांसी की सजा की मांग रखी थी. वहीं हाईकोर्ट में इस मामले की पीड़िता और एकमात्र चश्मदीद गवाह बिलकिस बानो द्वारा दायर अर्जी को हाईकोर्ट ने खारीज कर दिया था.
19 साल की बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप हुआ था
गुजरात दंगो के दौरान अहमदाबाद से 250 किमी दूर बसे राधिकापुर नामक गांव में 19 साल की बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप हुआ था. उस समय वह पांच महीने की गर्भवती थीं. साथ ही साथ उसके परिवार के 14 लोगों की हत्या कर दी गई थी. जिसमें 3 दिन के बच्चे की भी लाश मिली थी.