Devendra Fadnavis Reaction On Bilkis Bano Convicts: महाराष्ट्र (Maharashra) के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने मंगलवार को कहा कि गुजरात (Gujarat) के 2002 के बिलकिस बानो मामले (Bilkis Bano Case) के दोषियों को उच्चतम न्यायालय के एक आदेश के बाद रिहा किया गया लेकिन किसी अपराध के आरोपियों को सम्मानित किया जाना गलत है और इस तरह के कृत्य को सही नहीं ठहराया जा सकता. भंडारा जिले में तीन लोगों द्वारा 35 साल की एक महिला के कथित यौन उत्पीड़न की घटना पर राज्य विधान परिषद में हुई चर्चा का जवाब देते हुए फडणवीस ने कहा कि सदन में बिलकिस बानो के मुद्दे को नहीं उठाया जाना चाहिए.


दोषियों का स्वागत करना गलत


राज्य के गृह मंत्रालय का प्रभार भी संभाल रहे फडणवीस ने कहा, ‘‘आरोपियों को करीब 20 साल बाद जेल में 14 साल बिताने के बाद रिहा किया गया है. उच्चतम न्यायालय के एक आदेश के बाद रिहाई की गयी लेकिन यदि किसी आरोपी को सम्मानित किया जाता है और उसका स्वागत किया जाता है तो यह गलत है. आरोपी तो आरोपी होता है और इस कृत्य को जायज नहीं ठहराया जा सकता.’’


बता दें कि बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार और उसके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे 11 दोषियों को 15 अगस्त को रिहा किया गया था. गुजरात में भाजपा सरकार (BJP Government) द्वारा माफी नीति के तहत उनकी समय पूर्व रिहाई की अनुमति दिये जाने के बाद गोधरा की जेल से निकले दोषियों का पुष्पमालाओं से स्वागत किया गया था.


जानें क्या है पूरा मामला


गौरतलब है कि गुजरात में गोधरा कांड (Godhra Riots) के बाद भड़के दंगों के दौरान 3 मार्च 2002 को दाहोद जिले के लिमखेड़ा तालुका के रधिकपुर गांव में भीड़ ने बिलकिस बानो के परिवार पर हमला कर दिया था. बता दें कि बिलकिस बानो उस समय पांच महीने की गर्भवती थीं. आरोप है कि बिलकिस बानो के साथ उस समय सामूहिक दुष्कर्म किया गया और उनके परिवार के सात लोगों की निर्मा हत्या कर दी गई.


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