Bilkis Bano Case: बिलकिस बानो के दोषियों की रिहाई के खिलाफ 7 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, जवाब दाखिल करने के निर्देश
Bilkis Bano Case: बिलकिस बानो केस के 11 दोषियों को सजा में राहत देते हुए हाईकोर्ट ने उन्हें रिहा कर दिया था, जिसके बाद इस रिहाई के खिलाफ कई याचिकाएं दायर की गईं.
Bilkis Bano Case: बिलकिस बानो के दोषियों की रिहाई के बाद अब इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जल्द सुनवाई होने जा रही है, सुप्रीम कोर्ट की तरफ से दोषियों को सजा में छूट दिए जाने के खिलाफ दायर याचिकाओं को सुनवाई के लिए 7 अगस्त की तारीख तय की गई है. कोर्ट को बताया गया कि इसे लेकर सभी 11 दोषियों को नोटिस दिया जा चुका है. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों से जवाब दाखिल करने को कहा है.
11 दोषियों को किया गया था रिहा
सुप्रीम कोर्ट की तरफ से साफ किया गया कि जवाब दाखिल करने के बाद मामले की सुनवाई नहीं टाली जाएगी. 7 अगस्त से इस मामले पर रेगुलर सुनवाई होगी. इससे पहले हाईकोर्ट ने बिलकिस बानो गैंगरेप केस के सभी 11 दोषियों को सजा में छूट देते हुए उन्हें रिहा करने का फैसला सुनाया था. जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई.
सभी दोषियों को नोटिस जारी
इस मामले पर जस्टिस बीवी नागरत्ना और उज्जल भुइयां की बेंच ने कहा कि दलीलें पूरी हो चुकी हैं और सभी दोषियों को नोटिस दिए गए हैं. हमारा मानना है कि मामले में दलीलें पूरी हो चुकी हैं और सभी को किसी न किसी माध्यम से नोटिस दे दिए गए हैं. इसे लेकर 9 मई को, सुप्रीम कोर्ट ने गुजराती और अन्य भाषाओं सहित स्थानीय अखबारों में नोटिस प्रकाशित करने का निर्देश दिया था.
ये नोटिस तब जारी किए गए, जब कुछ दोषियों के घरों पर पुलिस को ताले लटके नजर आए. वहीं उनके फोन भी बंद पाए गए. इन सभी को हर माध्यम के जरिए नोटिस जारी किया गया और सुनवाई तक खुद को पेश करने को कहा गया है. इन सभी 11 दोषियों को गुजरात सरकार ने छूट दे दी थी और पिछले साल 15 अगस्त को रिहा कर दिया गया था. बिलकिस बानो ने छूट को चुनौती देते हुए एक रिट याचिका दायर की.
रिहाई के खिलाफ कई याचिकाएं दायर
बिलकिस बानो के अलावा सीपीआई (एम) नेता सुभाषिनी अली, स्वतंत्र पत्रकार रेवती लौल, लखनऊ विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति रूप रेखा वर्मा सहित कई अन्य जनहित याचिकाएं दोषियों को दी गई छूट के खिलाफ दायर की गई हैं. तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा ने भी सजा माफी और रिहाई के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर की है.
बिलकिस बानो 21 साल की थी और पांच महीने की गर्भवती थी, जब गोधरा ट्रेन जलाने की घटना के बाद भड़के दंगों से भागते समय उनके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था. उनकी तीन साल की बेटी दंगों में मारे गए परिवार के सात सदस्यों में से एक थी. इस मामले में 11 दोषियों को सजा सुनाई गई थी.
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