(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Bilkis Bano Case: गुजरात सरकार के हलफनामे पर महुआ मोइत्रा ने उठाए 3 सवाल, पूछा- 4 साल की पैरोल क्यों
तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने सुप्रीम कोर्ट में बिलकिस बानो केस में गुजरात सरकार के हलफनामे पर कई सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा है कि सीबीआई और जज ने सरकार को अनुमति भी नहीं दी थी.
Mahua Moitra: बिलकिल बानो रेप केस में 11 दोषियों की रिहाई और फिर गुजरात सरकार के सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दाखिल हलफनामे पर सांसद महुआ मोइत्रा (MP Mahua Moitra) ने तीन सवाल उठाए हैं. गुजरात सरकार ने कहा था कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस साल जुलाई में 11 दोषियों की छूट को मंजूरी दी थी, जबकि उनकी रिहाई के प्रस्ताव का सीबीआई, पुलिस अधीक्षक, विशेष अपराध शाखा, मुंबई और विशेष सिविल जज (सीबीआई) ने विरोध किया था.
तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने गुजरात सरकार के फैसले की निंदा करते हुए कहा कि भारतीय पहली बार देख सकते हैं कि कैसे और किसने 11 बलात्कारियों और हत्यारों को समय से पहले मुक्त होने की अनुमति दी. उन्होंने कहा कि इन 11 दोषियों की रिहाई के लिए सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ने भी सहमति नहीं दी. महुआ मोइत्रा ने सुप्रीम कोर्ट में गुजरात सरकार के इस दावे (केंद्र सरकार ने मंजूरी दी) का विरोध करते हुए ट्वीट किया, "गलत को सही बताने के लिए किसी ठिकाने की जरूरत नहीं है."
सांसद महुआ मोइत्रा ने उठाए ये तीन सवाल
- केंद्र और गुजरात ने सीबीआई और अदालतों को दरकिनार किया?
- केंद्र ने मामले के हिसाब से जाने के बजाय सभी 11 को बल्क रिमिशन क्लीयरेंस क्यों दिया?
- प्रत्येक दोषी को 4 साल के लिए हास्यास्पद रूप से हाई पैरोल क्यों मिली?
गुजरात सरकार ने क्या कहा?
गौरतलब है कि गुजरात सरकार ने सोमवार (17 अक्टूबर) को सुप्रीम कोर्ट में बताया कि 14 साल जेल में रहने के बाद दोषियों को रिहा कर दिया गया और उनका व्यवहार अच्छा पाया गया. सरकार ने कहा कि उसके पास गृह मंत्रालय से छूट देने के पक्ष में उपयुक्त आदेश भी हैं.
विपक्ष के निशाने पर मोदी सरकार
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) सहित कांग्रेस नेताओं ने गुजरात सरकार के हफलनामे पर नरेंद्र मोदी (PM Modi) सरकार की खिंचाई की और कहा कि यह सरकार की विरासत पर एक दाग है. राहुल गांधी ने ट्वीट किया, "लाल किले की प्राचीर से महिलाओं के सम्मान की बात करें, लेकिन वास्तव में 'बलात्कारियों' के समर्थन की बात करें." बता दें कि सुप्रीम कोर्ट 11 बलात्कारियों की माफी के खिलाफ दायर याचिकाओं पर 29 नवंबर को सुनवाई करेगा.
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