ओलंपिक क्वालिफायर राउंड में पहली भारतीय महिला जज बनेंगी कश्मीर की बिलकिस
33 वर्ष की इस महिला खिलाड़ी को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की पहली महिला कोच होने का अवसर मिला है.
श्रीनगरः कश्मीर की कायाकिंग-कैनोइंग कोच और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस खेल में भारत का प्रतिनिधितव करने वाली बिलकिस मीर एक बार फिर देश का परचम पूरी दुनिया में फहराएंगी. उन्हें थाईलैंड के पटाया में अगले महीने होने वाली एशियाई देशों के ओलंपिक क्वालिफायर राउंड्स के लिए कायाकिंग और कैनोइंग का जज चुना गया है.
33 वर्ष की इस महिला खिलाड़ी को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की पहली महिला कोच होने का अवसर मिला है. वहीं बिलकिस का कहना है कि कश्मीर की लड़कियां किसी भी मैदान में लड़कों से कम नहीं है, लेकिन ज़रूरत है तो उन्हें प्रोत्साहित करने की.
बिलकिस का सपना है कि वह कश्मीर और देश के वॉटर स्पोर्ट्स के खिलाडियों को विश्व के नक़्शे पर जगह दिला पाएं. वह इस स्तर पर जज का पद हासिल करने पर बेहद गर्व महसूस करती हैं और उनका मानना है कि उसे न सिर्फ जम्मू कश्मीर का बल्कि भारत का नाम रौशन करने का मौका मिला है.
बिलकिस का कहना हैं कि जापान में कैनो ऐशीयन कन्फेडरेशन द्वारा उन्हें पटाया में होने वाली इस बड़ी प्रतियोगिता के लिए चुना है. उन्होंने कहा कि वह कायाकिंग-कैनोइंग स्पोर्ट्स में भारत की पहली महिला बनी हैं जिसे इतने बड़े स्तर पर जज की हैसियत से चुना गया है.
बिलकिस के अनुसार यह बड़ी ख़ुशी की बात है, मेरे लिए नहीं बल्कि मेरी स्टेट और मेरे देश के लिए. मुझे इतना बड़ा प्लेटफ़ार्म मिला है जोकि हर खिलाड़ी का सपना होता है. उसने कहा कि मेरे 21 वर्षों के सफर में इतनी बड़ी उपलब्धि पाने के पीछे मेरे माता-पिता, कोच और उन सभी का हाथ है जो हर मोड़ पर मेरे साथ खड़े रहे.
इतना ही नहीं बिलकिस का मानना है कि उसका भविष्य जो बना है वो केवल डल झील की वजह से है. उन्होने कहा कि अगर यह डल झील न होती तो शायद बिलकिस भी नहीं होती. उसने बताया कि उसने 1998 में इस खेल में क़दम रखा था, तब इसकी तरफ़ इतना ध्यान नहीं दिया जाता था. मगर आज सरकार इसकी तरफ़ पूरा ध्यान दे रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पोर्ट्स पैकेज में से इस खेल को 7 करोड़ रुपये दिये हैं क्योंकि सरकार को भी लगता है कि यहां इस खेल में हुनर है. बता दें कि बिलकिस वॉटर स्पोर्ट्स में कदम रखने वाली एक ऐसी महिला खिलाडी है जिसने विश्व कप सहित कई राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लिया है और अपना लोहा भी मनवाया है. उसने अब तक 6 स्वर्ण पदकों सहित कुल 16 पदक हासिल किये हैं.
गौरतलब है कि बिलकिस का सपना है कि उसकी तरह कश्मीर ही नहीं बल्कि जहां-जहां देश में वॉटर स्पोर्ट्स का पोटेन्शियल है वहां से खिलाड़ियों को उभारकर उन्हें राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लाया जाए. यह महिला कोच सैंकड़ों लड़कियों और लड़कों को कश्मीर के विश्व प्रसिद्ध डल झील में ट्रेनिंग देती है. और वह जम्मू कश्मीर में वॉटर स्पोर्ट्स की निदेशक के पद पर भी है. उसने बताया कि यहां के बच्चों में काफी हुनर है खासकर के लड़कियों में. लेकिन ज़रूरत और तो उन्हें प्रोत्साहित करने की. अभिभावकों को लड़कियों को ज़्यादा से ज़्यादा प्रोत्साहित करना चाहिए ताकि वह अपना सपना साकार कर सके. बिलकिस ने बताया कि पिछले चार-पांच सालों से वह जम्मू कश्मीर टीम के लिए काम कर रही है और अब तक यह टीम 82 मेडल हासिल कर चुकी है. उसका मानना है कि हम राष्ट्रीय स्तर पर किसी से कम नहीं हैं.